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________________ रचना काल प्रथमची का क्रमांक सं. १८७१ मंः १५३६ yes स. १५.८ सं १६५ ३१. मं० १E ३७. क्रम संख्या प्रन्थ नाम कना चारित्रमारभाषा मन्नात्वाल चौबीस ठाणाचौपई माह लोहट चौरासीगोत्रोत्पनिदान । नंदानंद छबितरंग महाराजा रामसिंह दरबारली हरिराम जइतपदवेलि कनकरगम ३०. जम्बूस्वामीचरित्र नाथूराम जानकीजन्मलीला बालवृन्द जिनपालित मुनि स्वाध्याय निमलहर्ष वाचक जैनमार्तण्ड पुरागा भः महेन्द्र भूपरण ज्ञानसार रघुनाथ तत्वसारदोहा भ: शुभचन्द्र तत्वार्थबोध भाषा बुधजन तत्वार्थसूत्र भापाटीका कनककीर्ति नमाचू की जयमाल पारदमुनि त्रिलोकसारबंधचीपई सुमतिकीर्ति ४.. त्रिलोकसारभाषा उत्तमचन्द दशलक्षणव्रतकथा त्रज्ञानसागर दस्तरमालिका बंशीधर द्रव्यसंग्रहभाषा बंशीधर श्री धू चरित्त नववाडसउझाय जिनहर्ष न्यायदीपिकाभाषा पन्नालाल नागदमनकथा नित्यविहार ( राधामाधो) रघुनाथ साइ ४६. नेमिजी का व्याहलो (नवमंगल) नेमिच्याइलो नमिनाथचरित्र अजयराज ८०८ सं१८५१ ५६८ ५२४ २६४ मं० १७६५ VE मंः १३५ हीरा मं० १८४८ मं१७६३ St
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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