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________________ विषय - पुराण साहित्य २८. आदिपुराण - जिनसेनाचार्य | पत्र संख्या- ३४१ | साइज - १२४६ विषय-पुराण | रचना काल -X | लेखन काल - सं० १७२६ ज्येष्ठ सुदी ५। पू । वेष्टन नं० १५८ | विशेष – पालुम्ब नगर निवासी बिहारीदास के पुत्र निहालचंद जैसवाल ने प्रतिलिपि की भी एक प्रति और हैं लेकिन वह अपूरी है। २६६ आदिपुराण – पुष्पदंत | पत्र संख्या-४ से २७६ | साहज - १२८५३ भाषा - अपन श । रचना काल -X | लेखन काल- ०१४४३ पाखोज दी दु । वेष्टन नं ० १६४ । | भाषा-संस्कृत | विषशे - एक प्रति और है। लेकिन वह अपूर्ण हैं | लेखक प्ररास्ति निम्न प्रकार है | भाषा - हिन्दी | प्रशस्ति — अथ श्रीविक्रमविराज्यात् संवत् १४४३ वर्षे श्रासोज सुदी ६ गुरुवारे श्री हिसार रोजाकीट सलतान श्री बहलोल साहरन्यप्रवर्तमाने श्री मूलचे नंयाम्नाये सरस्वतीगच्छे बलात्कारगो मट्टारकश्रीपद्मनंदिदेवाः तत्पट्टे भट्टारक भी शुभचंद्रदेवा तद् शिष्य श्री मुनि जयनंदिदेवा तत् शिष्यणी बाई गुज़री निमिर्च श्री खडेलवालभ्वये क्षेत्रपालीय गोत्रे सुनामपुत्रास्त जिनशासन मात्रकपरम श्रावकसंवपतिक नामा वत्पत्नी शीलशालिनी साध्वी राग्यो नाही तयो चत्वारः पुत्राः अनेक तीर्थयात्रादिमहा महोत्सवकारायिका श्रहंतादि पंच परमे चिरणारविंद सेव ने चंचरीका संघपति हवा सं० धीरा सं० कामा, स० [सुरपति नामधेया तन्मध्ये संघपति कामा भार्या विहितानेत नियमतपोविधानादिधर्म कार्या साध्वी कमलश्री तत्पुत्र देवपूजादिषट्कर्मपद्मिनी मार्यों हस्तिनागपुरतीर्थ याथाभावनाकारणोपपत्र पुन्यनलप्रचंड स० भीवा से बच्चों संघपति भीमाख्यजाया देवगुरुशास्त्रमक्ति विधानप्रलब्धाया साध्वी मोवी इति प्रसिद्धि तदनंदने प्रर्थनमा गुरुदास तत् केल शीलाच पात्रे सुखश्री नामक तत्सुती चिरंजीव जैरामल संघपति बहू गेहनी विनयादिगुणषुतदाहिनी वडल सरि इति रुधि । तत् तनुज जिनचरणकमल क्षेत्र नेकचंचरीका: स० रावणदासाख्य तज्जननी शीलविनयादि यतं सरस्वती संचिका | एतेषांमध्ये साध्वीया कमली तथा निज पुत्र सं० भीवा बच्छूको न्यायोपार्जित विधेन इदश्री यादिपुराण पुस्तकं लिखापित ॥ लिखितं महेश्वर शोभा सुत ऊथाकेन इदं पुस्तकें ३०० श्रादिपुराण भाषा पं० दौलतराम | पत्र संख्या ६४ | साइज - १३६४६६ ५ | भाषाहिन्दी | विषय-पुराय | रचना काल -X लेखन काल -x | वेष्टन नं ० ६६ ॥ अन्थ २२७०० श्लोक प्रमाण हैं। एक प्रति श्रर हैं : ३०१. उत्तरपुराण- गुणभद्राचार्य । पत्र संख्या- ३-१ | साइज - १२÷६ इन्च | मात्रा-संस्कृत विषय-पुराण | रचना फाल-X | लेखन काल - सं. १८६२ चैत्र सुदी १२ | अपूर्ण | वेष्ठन नं० १५६ |
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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