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________________ चरित्र एवं काध्य ] { २१३ २५७ नेमिदूतकाव्य सटीक-मूल कर्ता विक्रम कवि । टीकाकार पं० गुण विनय । पत्र संख्या १३ । साइज-१०५४४ इश्व । भाषा-संस्कृत । विषय-काव्य । टीका काल-सं० १६१४ । लेखन काल-100 १६५४ । पूर्ण वएन नं. २६३1 २५८ प्रद्युम्नकाव्य पंजिका-पत्र संख्या-- । साज-१०४६ इन्च | भाषा-प्राकृत | विषयकाव्य । रचना काल-X । लेखन काल-X । अपूर्ण । वेष्टन नं. ३४२ । विशेष-१४ सर्ग तक है। RE. प्रद्युम्न चरित्र-महसेनाचार्य । पत्र संख्या-८८ | साइज-११६४५६ इन | भाषा-संस्कृत । विषय-चरित्र । रचना काल-X । लेखन काल-स. १७११ ज्येष्ठ सदी ६ । पूर्ण । वेष्टन न० २६४ | विशेष-कुल' २४ परिच्छेद हैं, कठिन शब्दों के धर्म दिये हुए हैं । २६०. प्रद्युम्नचरित्र -श्रा० सोमकीर्ति । पत्र संख्या-२३६ | साइज़-११४५ इ० । भाषा-संस्कृत । विषय-चरित्र । रचना काल-X । लेखन काल-X । | पूर्ण । वेष्टन नं० २६३ । विशेष-प्रति प्राचीन है । अंच सं० ४८५० श्लोक प्रमाण है | एक प्रति संवत् १६४७ की लिखी हुई और है । २६१. प्रद्युम्नचरित्र---कवि सिंह । पत्र संख्या-१४३ । साइज-११४४३ इन्च | माषा-अपभ्रश । विय-चरित्र । रचना काल-X । लेखन काल-स. १५६८ चैत सुदी ३ । पूर्ण । वेष्टन नं. १०१। विशेष – तसगढ ( टोडारायसिंह ) में सोलंकी वंशोत्पन्न पूर्य सेन के राज्य दावयाच्या स्थाने स्वडेलवालजातीय सोगामी गोत्रोत्पन्न संघी सोटा के वंशज दूगा पत्ता सांगा श्रादि ने प्रतिलिपि कराकर मुनि पद्मकीर्ति को भेंट किया। २६२. पाश्यपुराण-भूधरदास 1 पत्र संख्या-८२ । साइज-११४६ इञ्च.। भाषा-हिन्दी | विषयकाय । रचना काल-सं० १५-2 | लैवन काल-० १११६ श्रावण सदी ७ | पूर्ण । वेष्टन नं. १७ । विशेष-२ प्रतियां कौर हैं। २६३. पार्श्वनाथचरित्र-भ सकलकीर्ति । पत्र संख्यः-१०३ । साइज-११४५ इन्च | माप!संस्कृत ! विषय-चरित्र । रचमा काम-X । लेखन काल-० १६०१ कार्तिफ चुदी ११ । पूर्ण । श्रेष्टन मं० ५३ । विशेष-श्री बादशाह सलीमशाह (जहाँगीर के) शासन काल में प्रयाग में भी धाविनाष चैत्यालय में प्रतिलिप की थी | ब्रह्म श्रासे ने इसे सुसतिदास के पठनार्थ प्रतिलिपि की मी। प्राचार्य श्री हेमकीर्ति के शिष्य सा. मेघराज की पुस्तक है ऐसा लिखा है। इस प्र'ध की भण्डार में एक प्रति और है । २६४. प्रीतिकरचरित्र-ब्रह्मनेमिदत्त । पत्र संख्या-२७ । साइज-१२४४ इश्व | भाषा-संस्कृत । विषय चरित्र । रचना काल-X ! लेखन काल-. १८०५ द्वि० वैशाख मुदी २ । पूर्ण । बेष्टन नं० २७ ।
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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