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पजा एवं प्रतिष्ठादि अन्य विधान
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विशेष - हजारीमल के पिता का नाम हरीकिसन था ये अग्रवाल गोयल ज्ञातीय थे तथा लश्कर के रहने पाले कवि ने साहपुर में आकर दौलतराम की सहायता से रचना की थी ।
१६४. चन्द्रायणव्रतपूजा - भर देवेन्द्रकोति । पत्र संख्या - साइज - १२३४७०। मात्र:संस्कृत विषय- पूजा । रचना काल -X | लेखन का X। पूर्या । ष्ट नं० १७ ।
विशेष – २ प्रतियां और है।
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१६५. चारित्रशुद्धिविधान ( बारहसो चौतीसविधान ) - श्री भूषण | पत्र संख्या- ७२. साइज १२.४९४३ इश्च । भाषा-प्रेस्कृत विषय विधि विज्ञान रचना काल -x | लेखन क ल १८१३ । पूष्टनं०३२ विशेष — दक्षिण में देवगिरिदुर्ग में पार्श्वनाथ चैलालय में मंथ रचना की गयी थी । तथा जयपुर में प्रतिलिपि
हुई थी ।
१६६. चौबीस तीर्थंकरपूजा – पत्र संख्या ५९१ साइज - ११२ | संस्कृत विषय-पूजा 1 रचना काल - X | लेखन काल -X | पूर्णं । वेष्टन नं० ६१ ।
१६७. चौवीसतीर्थकर पूजा - सेवाराम | पत्र संख्या ४३ | साइज - १२४६ | भाषा-हिन्दी | विषय-पूजा । रचना काल - १८५४ माह ख़ुदी ६ लेनका १६ पू वेष्टननं।
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१६८. चौबीस तीर्थंकर पूजा - रामचंद्र | पत्र संख्या ५० साइज - १०३७। भाषा - हिन्दी । विषय-पूजा । रचना काल -X | लेखन काल - सं० १८८४ वेष्टन नं० १० |
विशेष — प्रति सुन्दर दर्शनीय हैं। पत्रों के चारों ओर मिग्न २ प्रकार के सुन्दर बेल चूड़े हैं। स्योजीराम भविला ने सत्राई जयपुर में प्रतिलिपि की थी।
१० प्रतियां और हैं।
१६६ चौवीसतीर्थंकरपूजा – मनरंगलाल ! पत्र संख्या - १ | साइ- १२३ - ह | भाषा-हिन्दी | विषय-पूजा | रचनाकाल - X | लेखन काल X | पूर्ण । वेष्टन नं० ४ ॥
१७०. चौबीस तीर्थंकर पूजा-पृन्दावन | पत्र संख्या - १५१ | साइज - ११०३ भाषाहिन्दी विषय--पूजन | रचना काल -X: लेखन काल -X | पूर्ण । न नं० २० ।
विशेष- २ प्रतियां और हैं ।
१७१. चौबीस तीर्थंकर समुच्चय पूजा - पत्र संख्या:साहन - ११०५ ३श्च । माषा-संस्कृत विषय-पूजा । रचना काल -X | लेखन काल- पूर्ण वेटन नं० ७१ ।