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५२. ग्यारह प्रतिमा वरान
पत्र संख्या-२ आचार । रचना काल - X 1 लेखन काल - X | पूर्ण वेष्टन नं० ६५१
धर्म रचना का
1
५३. चर्चासागर भाषा-पत्र संख्या २०० लेखन कास X पूर्व
श्रीर है।
विशेष
से पत्र भी है। दो तीन तरह की लिपि है
५४. पौबीसडक दीनतराम पत्र संस्था- २ भाषा-हिन्दी वि धर्म 1 रचना काल -X | वन काल - X। पूर्ण | वेष्टन नं० ११२ |
विशेष ७ पत्र है। दो प्रतियां और है।
५५. जिनवालिस मुनि स्वाध्याय-विमल हर्ष वाचक पत्र संख्या २१०४ भाषा-हिन्दी पद्य विषय-रचना काल- लेखन का पूर्ण
२६ ।
विशेष
प्रारम्भ सिरि पास
साइन- १३३०३ भाषा-हिन्दी व विषय२०६१ ।
पाणािलित मूनि सं
[ धर्म एवं आचार शास्त्र
भाषा-हिन्दी विषय
अन्तिम संत एहनीय परिजगड, विविषयदिना ।
एह परमव ते थाइ सुखिया तेहमी कीर्ति गवाणी ॥ जगगुरु दीर यह सोदाकार श्री विजयसेन सरिंद श्रीमानका
अति प्राचीन है।
५६. त्रिवर्णाचार-सोमसेन- १२४-११बनार । रचना काम ० १६६० काम० १६०२ मसूदी पूर्ण वेटन मं० २०७ ।
विशेष — पालिपुत्र (पटना) में प्रतिलिपि हुई। कुल १३ अन्याय है । था भ० ७०० एक प्रति
.
५७. धर्म परीक्षा-हरिये पत्र संख्या २७६ भाषा०१०४०X पूर्ण वेटन नं १०१ ।
सरना
विशेष-प्रथम पत्र नहीं है ।
५८. धर्म परीक्षा अमितगति पत्र संख्या १२ भाषाधर्म रमना काल ०१०१० लेखन - पूर्ण वेभ नं० ३१९ ।
५६. धर्मपरीक्षा भाषा-३२-१६दी ग विषय-धर्म रचना कारा-Xफा -X नं. १००।