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[ धर्म एवं आचार शास्त्र पत्र संख्या २६ - १२४६ व भाषा - हिन्दी | विजय
४०. विशेष सत्ता त्रिभंगी
सिद्धान्त । रचना काल -X | लेखन काल -X | पूरी | बैष्टन न० ३०३ ।
४१ सिद्धान्तसार दीपक सकलकीर्ति । पत्र संख्या - २२= । साइन - १०० च । माष:संस्कृत] | विषय - सिद्धान्त । रचना काल -X | लेखन काल सं० १८२१ । पूर्ण । ष्टन नं० २५६ |
विशेष- कुल १६ अधिकार है तथा अथ (श्लोक संख्या ४८३६ है । २ प्रतियां और हैं।
४२ सिद्धान्तसार संग्रह - प्राचार्य नरेन्द्रसेन । पत्र संख्पा-६६ | साइज - १२४६ मात्रासंस्कृत | विषय - सिद्धान्त । रचना काल -X | लेखन काल-सं० १८२३ ज्येष्ट मुदी २ । पूर्ण वेष्टन २५ ।
विशेष - जयपुर में चंद्रप्रभ चैत्यालय में पंडित रामचन्द्र ने माधवसह के राज्य में प्रतिलिपि की भी श्लोक संख्या २४१६ | एक प्रति और है।
विषय - धर्म एवं माचार शास्त्र
४३.
अनुभव प्रकाश दीपचंद काशलीवाल | पत्र संख्या ५४ | ३ | माषाहिन्दी मेथ | विषय - धर्म । रचना काल सं० १७७२ | लेखन काल-X | पूर्णष्टन नं० ११६ |
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४४.
आचार शास्त्र
| पत्र संस्था २२ | साइज - ११९४ | मात्रा - संस्कृत विषयआचार । रचना काल -४ । लेखन का x ३ पूर्ण वेष्टन नं० २१२ ।
४५.
आचारसार - वीरनंदि पत्र संख्या १०० | साहब - १९६६ च । माया-संस्कृत विषयश्राचार । रचमा फाल-X | लेखन काल - पूर्ण वेष्टन नं० २५१ १