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[ संग्रह
अपूर्ण
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चमेस पूजा तीन चौबीसी तीर्थ करों की
नामावलि समुच्चय चौबीस तीर्थकर
जयमाल
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२८. गुटका नं. १३६ । पत्र संरूपा-३ में .. 1 साज-Exe | भाग-सस्कृत-हिन्दी। लेखन काल-- | अपूर्ण । वेष्ट न नं: १२४४ ।
विशेष
थपूर्ण
विषय-सूनी कर्ता
भाष। पद्मावती पूजा
संस्कृत चंदनभस्तुति (चन्द्रप्रभु जिन ध्यायज्यौं । मात्र हो चंद्रप्रभ जन ध्यायज्यों ॥ टेक पंच बधावा आदिनाथ स्तुति धारती विनती
" पद विनती
अपूर्ण ले. का. सं. १७७७ मंगसर मुदी लै. का.सं. १७७४ पौष बुदी
दर्शनपाठ भक्तामर स्तोत्र माननुगाचार्य सौख गुरुजनों की कल्याणदिर माषा बनारसीदास
ले. का. सं० १७१५ यसोज सदी ४ देवपूजा
, ले० का० सं० १.६६ श्रावण बुदी २ विशेष-गुलाबचन्द पारनी की पोभी हैं । सांगानेर में प्रतिलिपि की गई थी।
+२६. गुटका नं० १४० । पत्र संख्या-१० से १२० । साइज-५४६ इछ । भाषा-हिन्दी-संस्थत । सेखन काल-। पूर्ण । श्रेष्टन नं० १:४५ ।
सापा
विशेष
विषय-सूची समयसार भाषा + क्तामर तोय एवं पूजा
बनारसीदास
हिन्दी
संस्कृत
| ।