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संपह
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सावा
विशेष
सपथ है। . २० ५५ हैं।
पद
विषय--सनी नमीश्वर विनती पुण्य. पाप जग भूल पच्चीसी भगवतीदास ४६ दोष रहित श्राहार वर्णन - जिन धर्म पच्चीसी
मगबत्तौदास पदा संग्रह
जगतराम
शोभाचन्द (भज श्री रिवन मिनिंद क') पद
जिणदास (जैन धर्म नहीं करना नरदेही, पाई. ). .
औदनार (अश्वसेन राय कुल मंडन उग्र वंश अवतारी) सप्त व्यसन कवित
जिनके प्रभु के नाम की मई हिये प्रतीति ।
विरूनराय देनर मजे नरक बास मयमीत।। सोलह स्वप्न (स्त्रप्न बत्तीसी) भगवतीदास
विशेष–अन्तिम-निज दौलत पाँचै मया हरै दोष दुख रासें ।। मरत नकवी के १६ स्वप्नों का वर्णन है।
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से.
.से.१८१..
( समरि जिनंद समरना है निदान) । बहदाला
बुधजन शंभूराम ने प्रतिलिपि की थी। ननद भौजाई
पानंदवर्धन का भागढा चतुर्विशति स्तुति विनोदीलाल पद संग्रह
बनारसीदास एवं पूधरदास माईस परीषह
भूधरदास चरखा चपर चारहखडी