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________________ १४४ ] [ संग्रह भूवादास . हिन्दी बननामि चकत्तिको वैरसम्म मानना १%, गुटका नं०१२६ । एन संख्या-१३ | लाज-xeम । माषा--हिन्दी । लेखन काल-x| अपूर्ण । बेटन ने० १२३० । विशेष पूजा पाठ मह है। ८१६. गुट का नं. १३८ । पत्र संख्या-७३ से ११४ । साइज-५३५३३ च । माषा-संस्कृत-हिन्दी। लेखन काल-- | अपूर्ण । टन नं. १:३२। . विशेष—नित्य नमितिक पूजाओं का संग्रह है । प्रारम्भ के ७१ पत्र तथा ४, ७५ पत्र नहीं है। २०. गृटका नं० १३५ । पत्र संख्या-१६ । साज-६४३३ इञ्च | भाषा-हिन्दी-संस्कृत । लेखन काल--सं०३६ मादवा मृदी ११ । अपूर्या । श्रेष्टन नं. १२३५ । ... विशेष-~-सामान्य पाठों का संग्रह है । जयपुर नगर स्थित चैत्यालयों की सूची दी हुई है। ८२१. गुटका न. १३२ । पय प्रस्था-१५७ । साइज-६३४५६ छ । माया-हिन्दी-संस्कृत । लेखन काल -X । अपूर्ण । वेष्टन नं० १२३६ । विशेष-नस्य नैमित्तिक पूजा, साधु नंदना, भक्तामर भाषा श्रादि पाठ हैं बीच में कही २ पय नहीं है। २२. गुटका नं० १३३ । पत्र संख्या-१० | साज-४:४२५ इन्च । माषा-हिन्दी-संस्कृत : लेखन काल-x1 पूर्ण । केटन न१२३८ । विषय-सूची कती माश बिशेष श्रादित्यकार कमा माऊ हिन्दी चतुर्दशी कया हरिकृष्णा पाण्डे पंच मंगल रूपचंद नित्य पूजा पाठ जिन जागा स्तुति स्नपन पूजा, त्रिपाल पूजा आदि नैमितिक पूजा-संग्रह भी है। ८२३. गुटका नं० १३४ । पत्र संख्या-१५० ! साज-६४३हैं। माषा-हिन्दी लेखन काल-x | पूर्ण। वेष्टन ०१२३६
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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