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________________ [ संग्रह विशेष ३२ पथ २८ पथ १४ गाथा ले. का० सं० १७१५ पौष बदी २ राजरंगगधि ने सिषि की थी। १८ पक्ष १४पच ४ पध १४पए विषय-सूची फर्ता मावा अजिव शान्ति स्तोत्र उपाण्याय मेग्नंदन सीमधरस्वामी स्तवन उपाध्याय भगतिखामः पार्श्वनामस्तोत्र निनराज सरि संस्कृत विघ्नहरस्तोत्र आत सामान्यो शनिश्चास्तोष दशरण महाराज पार्श्वनाव जिनस्तवन जिनकशल सरि भन्दा चित्र है और चित्रकार अग जीवन है। धमया पाश्र्वनाथ स्वबन कुरालालाम हिन्दी चिंतामणि पानाच स्तबन जिनरंग राख कर भारह मासा पदमराज श्री जिनकुशल सरि स्तुति उपाण्याय जयसागर पाश्चनाप स्तवन रंगवस्लम श्रादिनाथ स्तवन जयतिलक श्री अजिधशांति स्तोत्र भयहर पार्श्वनाथ स्तोत्र व विधायक स्तोत्र कोकसार श्रानंद कवि ग्यप्ती ( नैनसिंहनी) - के व्यापार का प्रमाण पावनाम स्तोत्र कमल लाम __ सघुस्तोत्र अमराज संमेश्वर पार्श्वनाप स्तवन -- चिंतामचि पाश्वनामस्तोत्र भषमकीशि पार्श्वनाय स्तोत्र मनरंग जिनरंग ऋषभदेव भावन २१ पथ ३. गाया २१ गापा २६ गाथा पूर्ण सं १७२६ ७ पथ पूर्व रचनाकाल सं० १... लेखनकाल २०१७२. पदमराज इसमथी पाश्वनाथ स्तवन
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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