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________________ संग्रह ] अपूर्ण कर दोहे सपा कुंडलिया सिस्थरदास रविश खेमदास मानों का कान छह टासा थानतराय अपूर्ण लेखनकाल सं० १३१४ बंदरो के पठनार्थ वे लिखा गया था। मण्यमलोक चैत्यालय वपन बधाई जखडी उपदेश जखडी बालक- असीद भूवाद। रामकृपा ७६६. गुटका ने०७४ । पत्र संख्या-१५ । पाज-१०४८ इत्र | माव संस्कृत प्राकृत । लेखन काख-X | यपूर्ण । बेष्टन २०१००५ । " विशेष-गुणस्थान चर्चा, कर्म प्रति वर्णन, तथा तीर्थंकरों के कल्यायकों के दिनों का वर्णन है। कल्याणक वर्मान प्रपत्रंश में हैं । रचनाकार मनसुख है। ७७०. गुटका ८०। पत्र संख्या-३७ । साज-८४६ एव । माषा-हिन्दी । लेखन काल-४ । पूर्ण । वेष्टन नं. १०६ । विशेष-नवलराम, जगतराम, हरीसिंह, भूधरदास, पानतराय, मखजी, बखतराम, जोधा प्रादि के पदों का संग्रह है। ७७१. गुटका नं०६१। पत्र संख्या-६ । साइन-2x६ | भाषा-हिन्दी । लेखन प्रल-x। पूर्ण । वेस्टन नं. १०५५। विशेष-पदों का संग्रह है। इसके अतिरिक्त परमार्थ जली तथा जोगी रासा मी है। भूधरहास, अगतराम, पानत, नवलराम, बुधजन आदि के पद हैं। ७७२. गुटका नं.८२ पत्र संख्या-६" । साहन-६x४ | माषा-हिन्दी। लेखन काल-X । पूर्ण । बटन मं० १०८८ ॥ विशेष-जिन सहस्र नाम मावा, प्रश्नोचर मासा, कवित, एवं बनारसी विलास श्रादि हैं। ७७३ . गुरका नं०८३। पत्र संख्या-0 | साइज-६४४६च ! भाषा-हिन्दी । लेखन काल-x| पर्य । वेष्टन नं ६ विशे-पो म संग्रह है।
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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