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________________ संग्रा ! [ १३३ ७४८. गुटका नं. ५ | पत्र संख्या-५८ | साइज-६६x४६ कार-४ | ५र्य । वपन नं. १०२६ । च । भाषा-हिन्दी-संत : लेखन कनों का नाम । भाषा. संम्मत विषय-सूनी तीर्थमाला स्तोत्र जैन नायी पाचन.स्तोत्र पद पक्का बत्तीसी प्राचीन हिन्दी हिन्दी यजयराम पद रामह धनारसीदास सिन्दूर प्रकरण परमानन्द स्तोत्र सस्कत ४. गुटका नः५६ | पत्र संख्या-७ । साइज.-५४५ इभ । भापा-हिन्दी लगन क.ल-X । पूर्ण । वेष्टन नं. १०७ । विशेष कर्ता का नाम भगवतीदास विषय-सूची। राम पच्चीसी चेतन कर्म चरित्र वदन्त चक्रवति की मारना गुपद रचनाकाल से १७३६ ७५०. गुटका नं. ६० । पत्र संख्या २८॥ . साज-xr | माय:-हिन्दी-कृत । संस्बन काल-४ । पूर्ण : वेटन नं. १०२८ | विशेष- मुख्यतः पूजात्रों का संग्रह हैं । ७५१. गुटका नं. ६१ । पत्र संख्या-२१६ | साइज-tx४३ इन। भाषा-संस्कृत-हिन्दी । लेखन पा-x | अपूर्ण । वेष्टन नं.१०२६ । विशेष – मुख्यतः पूजा संग्रह है । कुछ अंगतराम कृप्त पद संभह भी है । ७५२. गुटका नं६२। पत्र संख्या-३४ | सहज-६४४ इश्व | भाषा-हिन्दी पू । वेष्टन नं० १.३० । लेखन काल-x| विशेष-स्तोत्र संसह भा॥ एवं निर्वाणकाण्ड माषा श्रादि हैं।
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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