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________________ १२० ] [ संग्रह प्राकृत | | " सदशन जयमाल दशरम जयमाल मेषकुमार मौत पंच कल्याणक पाठ द्वादशानुप्रेता २१ पद्य रूपचन्द ७१७. गुट का नं० २८ । पत्र संख्या-२६। साज-६३४६३ इत्र | भाषा-हिन्दी । लेखन कालसं. १८२३ वैशाख सुदी ३ । पूर्ण । वेष्टन नं ० ६७४ | विशेष-पूजात्रों तथा पर्दो का वृहद संग्रह है । बनारसीदास कृत माझा भी है जो अन्नात रचना है। ७१८. गुटका नं० २६ । पत्र संख्या-२७ । साइज ६.४५: । भाषा-हिन्दी । लेखन कालसं० १८४ । अपूर्ण । वेष्टन नं. १७६ । विषय-सूची कर्ता का नाम जगजोवन भाषा हिन्दी नाथ नेशिनाप का ध्याहला निर्वाय काण्ड भाषा भगवतीदास पक्ष मनराम साधुनों के श्राहार के समय । ४६ दोषों का वर्णन भगवतीदास रचना कालसं.१७. विशेष संतोष राम अजमेरा सांगानेर वाले ने प्रतिलिपि की थी। ७१६. गुदका नं.३०। पत्र संख्या-२५१ । साइज-४६ हश्च | भाषा हिन्दी लेखन काल-४ | पूर्ण | वेटन नं. १७ | निम्न पाठों का संग्रह है-- विषय-सूची कर्मा का नाम बनारसीदास भाष! विशेष समयसार बनारसी बिलास पंचमंगल योगी रासो रूपचंद जिणदास ७२०. गुटका नं०३९ । पत्र संख्या-७ | साइज-१-३४७ इन | माषा-हिन्दी ( पथ)। लेखन काल-४ । पूर्ण । वेष्टन मं० १८६ |
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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