SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 138
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषय-संग्रह गुटका नं० १ । पत्र संख्या - १५५ | साइज - १०७ हम मात्रा माक्रत संस्कृत | लेखन ६६०. काल -x | पूर्ण वेष्टन नं ० ३१८ | मुख्यतया निम्न पाठों का संग्रह है- विषय सूची पटपाहुड याराधनासार तवसार समाधि शतक त्रिमंगीसार श्रावकाचार दोहा कर्ता का नाम कुन्दकुन्दाचार्य देव सेन देव सेन पूज्यपाद नेमिचन्द लक्ष्मीचन्द साषा प्राकृत 37 " संस्कृत মার विशेष – अष्टकर्म - प्रकृति वर्णन तथा तीन लोक वर्णन है । " ܘܕ ܐܐܐܗܘܘ ܝ विशेष ६६.१. गुटका नं २ । पत्र संख्या - १२६ । साइज - इस भाषा - प्राकृत- संस्कृत | लेखन काल - सं० १०१५ माघ सुदी ५ | पूर्ण । वेष्टन नं० ३१६ । ।।।। विशेष पूजा पाठ तथा सिंदूरकर आदि का संग्रह है। करौली में पाठ संग्रह किये गये थे। श्री राजाराम * पुत्र मौजीराम लुहाडिया ने प्रति लिखवाई थी । ६६२. गुटका नं० ३ । पत्र संख्या ६० साइज - ६९६ ६ । भाषा - हिन्दी | विषय - चर्चा | लेखन काल -X | पूर्ण | वेष्टन नं० २६० । विशेष - धार्मिक चर्चाओं का संग्रह है। ६६३. गुटका नं० ४। पत्र संख्या ११६ | साइज ३४६ व सावः- हिन्दी विषय-सिद्धान्त | लेखन काल - । श्रपूर्ण । वेष्टन नं ० ३७३ । ६६४. गुटका नं० ५। पत्र संख्या - २०१३ सहज - १०३४७ । माषा - हिन्दी-संस्कृत | लेखन -बल-सं०] १८६६ | पूर्ण | वेष्टन नं० ४३३ । ६ निम्न पाठों का संग्रह है
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy