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________________ [काव्य एवं परित्र नानग प्रादि ने प्रतिलिपि कराई थी। विशेष-२ प्रतियां और है। ५२२, विदग्धमुखमंडन-धर्मदास । पत्र संख्या-१२ । साहज-२०३४४३ इञ्च । भाषा-संस्कृत । विषय-काव्य । रचन! फाल-४ । लेखन काल-सं० १३१ चैत्र सुदी ३ सोमवार । पूर्ण । वेष्टन नं. १५२ । विशेष-नगराज ने प्रतिलिपि की भी ! ५२३. षट्कर्मोपदेशमाला-अमरकीर्ति । पत्र संख्या- | साइज-१०x४, इस | भाषा-अपभ्रंश विषय-काव्य । रचना काल-x | लेखन काल-सं० १६५६ ! पूर्ण । वेष्टन नं० १५८ । विशेष - प्रति प्राचीन हैलेखक प्रशस्ति निम्न प्रकार है संवत् १९५६ वर्षे चैत्र बुर्दा १३ शनियासरे शतमिखानव राजाधिराज श्रीभाणविजयराज्ये भीलौड़ा मामे श्री चन्द्रप्रभ चैत्यालये श्री मूलसंघ मसात्कारगणे सरस्वतीगच्छे श्री कुन्दकुन्दाचार्यान्वये भट्टारक श्री पमनन्दिदेवास्तत्प भट्टारक श्री शुभचन्द्रदेवा तत्प? भ० श्री जिनचन्द्रदेवा तत्प? भ. सिंघकीर्ति देवास्तव शिष्य ब्रह्मचारी रामचन्द्राय बड जातीय अंडी हारा मा ईजा सुत व तबष्टी देवात भ्रातृ श्रीष्टी नाना भार्या डूबी द्वतीय भार्या रूपी तयोः मुत शुतोष्टी लाला मार्या बान् तत् भ्रातृ श्रेष्ठी मेला मार्या चोली षटकोपदेश शास्त्र लिखाय प्रदत् । ५२४. शालिभद्र चौपई-जिनराज सूरि । पत्र संख्या-१४ | साइज-१०४४ इन्न । माषा-हिन्दी। विषय-चरित्र । रचना काल-० १६१८ । लेखन काल-सं० १७६४ मादत्रा सदी १५ । पूर्ण । वेष्टन नं० १०७५ । ५२५. श्रीपालचरित्र-व्र नेमिदत्त । पत्र संख्या-५५ । साइज -१२४१३ । माषा-संस्कृत | E विषय--चरित्र । रचना काल-सं० १५८५ श्रापाट पुदी ५ 1 लेखन काल-सं० १३१ साबन बुदी ८ | पूर्ण । वेष्टन नं० २५५ ।। विशेष-मालवा देश में पूर्णाशा नगर में श्रादिनाथजी के मन्दिर में प्र-य रचना हुई थी। छाजूलालजी साह के पिता शिवजीलालजी साह ने झानावरपीक्षयार्थ श्रीपाल परित्र की प्रतिलिपि कराई थी। एक प्रति और है। % 3D ५२६. श्रीपालचरित्र--कवि दामोदर । पत्र संख्या-५७ । साइज-११४४३ ३२ । माषा-अपभ्रंश । विषय-चरित्र । रचना काल-x | लेखन काल-सं० १६०६ श्राश्य बुदी ६ । पूर्ण । वेष्टन न० २२४ । ५२७. श्रीपासचरिध-दौलतराम ! पत्र संख्या-४६ । साइज-८६x६ ६ | भाषा-हिन्दी । विषयचरित्र । रचना काल--- । लेखन काल-सं० १९०७ । पूर्ण । बेष्टन नं० ५२० । विशेष-बाराधना कमा कोष में से कथा लो गई हैं।
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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