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________________ पृथ्वीनाथ संमह] चतुरनाथजी के सबद सोमनायजी के सद कुमारी पानजी के सबद पृप्तीनाथजी के सनद मुबाण योग पट नृपच नृवाणयोगमय प्राण कुडलनी जोन प्रथ पंचमात्री योग पंचाग्नि योग चौबीस सिद्ध रोमावाल योग महादेवगौरख संवाद गोरखनाथजी का ज्ञान श्रीनाथजी की नय शंख सांकली । । । । । । । । ... भाषा संस्कृत प्राकृत २५६३ गुटका नं० २५८ । पत्र सं० ४५-२८८ । साहज-2x५ इन्च । लेखनकाल x | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | देशा-जीर्ण । वैप्टन नं ० २६५५ । विषय-सूची कर्ता का नाम इष्टोपदेश . .. पूज्यपाद संबोध पंचासिका ঠিধিস্বরী देवनन्दि संस्कृत चतुर्विंशतितीर्थकरस्तुति मारत त्रिपंचाशकिया मह्मचर्य उपदेशमाला .. मुनि जयकीति अपनश द्रोहावली सुमभाचार्य संसार स्वरूपवर्णन संस्कृत चतुर्विंशतितीर्थकर जयमाल ; २५६४ गुटका नं० २५६ । पत्र सं० २६४१ साइज--x६ इञ्च । लेखनकाल ४। पूर्व एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २६५६ । विषय-सूची कर्ता का नाम . .. भाषा - विशेष श्रीपालचरित्र परिमल्ल - हिन्दी रचनाकाल सं. १७२२
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
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