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________________ ३६० संस्कृत नवरत्न हिन्दी संस्कृत प्राशावर पूजा संग्रह अकृत्रिम चैत्यवंदना जिनपच्चीसी जिनसहननाम बहदाता पैराग्यपच्चीसी गुणस्मानपीठिका बिलोकसारपूजा सुधजन मगवतीदास २४६२ गुटका नं.१८७ । पत्र सं० २४-११० । साइज-६४५६ इन्च । लेखन काल •x | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जीर्ण । वेष्टन नं. २५१८ | विषय-सूची कर्ता का नाम माषा शागतागामा प्राकत सावयधम्मदोहा अपनश द्वादशानुप्रेक्षा श्रा० कुन्दकुन्द प्राकृत श्रावकाचार पानंदि संरकत स्यपसार प्राकृत . चौदह मल " .." हेमकवि अंतरापबत्तीसी चौरासीबोल दोहा परमामा राजलपच्चीसी मनरामविलास सूक्तिसंग्रह रूपचंद लालचन्द विनोदीलाल 'बिहारीदास सरकत २४६३ गुटका नं० १८८ | पत्र सं० ११-१४६ । साइज-६६४६ इञ्च । लेखनकाल ४ । अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण शीर्ण । वेष्टन नं. ६ | विषय-सूची कर्ता का नाम माषा कर्मप्रकृति पा० नेमिचन्द्र प्राकृत श्रुतस्कंध ब्रह्म हेम एकीमावस्तोत्र वादिराज सज्जनचित्तवल्लभ मस्लिषेश शेस्कत
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
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