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वीर शास्त्र भंडार के अन्य *
गुटका नं० १०. लिपिकर्ता श्री सवाईराम । भाषा हिन्दी संस्कृत ! पत्र संख्या १५. लिपि सं न १८२६. गुटके में स्तुति तथा पूजा के अतिरिक्त चौदह गुग्गस्थान चर्चा भी है। .
गुरका २०१६ लिपिकर्ता श्री सुखलाल । भाषा हिन्दी पत्र संख्या १२६. साइज ६x६ इञ्च । लिपि संवत् १८१०. गुटके में एजा स्तोत्रों के अतिरिक्त कुछ पद य गीत भी है जिनकी रचना संवत् १७५६. है । वे भजन पंडित विनोदीलाल तथा भैया भावतोदास आदि के हैं। ...
गुटका नं० ११. पत्र संख्या २१. भाषा हिन्दी । लिपि कत्ता श्री मुन्शीकाल । लिपि संवन् १९८३ : नाटक में निम्न रचनायें हैं--.
१. चतुर्विंशति जिन जा .. . २. बर्दू मान जिन पूजा ।। ३. कल्याणमन्दर स्तोत्र भाषा ४. निर्वाण काण्ड भाषा ... ५. दुःखहरण विनतो . ६. समाधि मरण
७. स्तुति सटका न. १५. लिपिकी अज्ञात । पत्र संख्या २१८. भाषा संस्कृत । साइज ६४५ इञ्च । मुटके में कोई उल्लय नीय सामग्री नहीं है। केवल स्तोत्र पूजा पाठ आदि का ही संग्रह है।
- गुदका नं० १६. लिपिकत्त/ अज्ञात्त । भाषा हिन्दी संस्कृत । पत्र संख्या ३०६. साइज x६ इञ्च । गुटका प्राचीन है लेकिन कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है।
गडा नं० १७. लिपिका संघी श्री बीहरजी । भाषा हिन्दी संस्कृत । पत्र संख्या ४०५. साइन ६.५ इञ्च । लिपि संबन शाके १६७१ गटके में पूजा, स्तोत्र आदि का ही संग्रह है। .
गुटका नं. १८. लिपिकत्ती अज्ञात । पत्र संख्या १६. साइज =x2 इञ्च । प्रति प्राचीन है। गुटके में मतसर. कल्याण मन्दिर स्तोत्र है । महाकवि यमरसीदास का कल्याण मन्दिर स्तोत्र है। ४६ गोम्मटसार जीवकाएड सटीक ।
रचयिता नेमिचन्द्राचार्य । टीकाकार अज्ञात । मापा प्राकृत । संस्कृत पत्र संख्या ६२. साइज १२xA अशा प्रारम्भ में संस्कृत में प्रारम्भिक प्राचार्यों का परिचय दिया गया है। जीवकाण्ड के प्रथम अध्याय पर ही संस्कृत में विशद रूप से टीका की गयी है।
एक सौ अठत्तर