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________________ *आमेर भंडार के ग्रन्थ * .. . आत्म संबोधन पंचासिकाटीका । ३||। प्रति अगों है। टीकाकार अज्ञात । भाषा प्राकृन-संस्कृत । पत्र संख्या १८. साइज प्रारम्भ के तथा अन्तिम पृष्ट नहीं है। आत्मानुशासन । मुलकर्ता आचार्य श्री गुगभद्र। भापाकार- पं० दौलतरामजी। भाषा-संस्कृत-हिन्दी । पत्र संख्या १५८. साइज १०||x६ इन्च । प्रत्येक पृष्ट पर ११ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३०-३६ अक्षर। लिपि संवत् १९०५ भाषा सुन्दर और सरल है। . आत्मावलोकन । रचयिता श्री दोषचन्द कासली बाल । पत्र संख्या ६३. भापा-हिन्दी गद्य नाइज ||४५ इञ्छ । प्रारम्भ में प्राकृत भाषा की ११ गाथानों का १७ पृष्ठ तक हिन्दी गद्य में अर्थ लिखा गया है किन्तु आगे ग्रन्थ समाप्ति तक लेखक स्वयं विना गाधानों के ही विषय को पूरा करता है। भाषा बड़ी अच्छी है। उक्त रचना १ बी शतावित की है। साए किया कहा से की गयी यह भी अभी मोलम नहीं हो सका है। प्रत नं० पत्र संख्या ६८ साइज ११४५ इन्च । लिपि संवत १८८३ लिपिकार पं० दयाराम । आतर प्रत्याख्यान प्रकीर्ण। रचयिता श्री भुवन तुग सूरि । भाषा संस्कृत । पृष्ठ संख्या : साइज १५सा इञ्च । लिपि संवत' १६०० प्रति अपूर्ण पहिला, तीसरा और अला. पृष्ठ, नहीं.है.. .. .... आदित्यवार कथा । ..... . ... :: . रचयिता हात ।:मस्या हिन्दी । पृष्ठ संख्या १०: साइज १०१।।। 'इच। पद्य संख्या १५२. . .... · आदिपुराण । प्रन्थकर्ता महाकवि पुष्पदन्त ।, पन. संख्या.२५७ साइज -HK४ इचच प्रत्येक पृष्ठ पर पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ४५-५५ अक्षर । कागज मोटा है। सीम लगने से बहुत से पत्रों केनर साफ पढेने में Taran वस
SR No.090392
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherRamchandra Khinduka
Publication Year
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size5 MB
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