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* आमेर भंडार के ग्रन्थ *
वाश्चय काव्य ।
रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या २. साइज ६०x४।। इञ्च । लिपिकार गरिण घर्भ विमल । मिपय साहित्य । विदग्धमुखमंडन ।
रचयिता श्री धर्मदास । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या २८. साइज १०||४|| इञ्च । विषय-काठ्यालंकार । श्री हर्ष मुनि के पढ़ने के लिये ग्रंथ की प्रतिलिपि की गयः ।। । “प्रति नं० २. पत्र संख्या ३१. साइज ११४४ इञ्च ।
प्रति नं०३. पत्र संख्या २७. साइज ११५५ इ ।
प्रति ०४. पत्र संख्या १३. साइज १०||४|| इञ्च । लिपि संवत् १६२०. पं० राजरंग सरंग के पढने के लिय काव्य की प्रतिलिपि की गयी।
प्रति नं०५. पत्र संख्या १६. साइज १२||४|| इञ्च ।
प्रति नं०६. पत्र संख्या ८. साइज १०ix?|| इञ्च । लिपि संवत् १५२४. पं जिनसूरि गणि ने । अन्य की प्रतिलिपि बनायी। विद्यात्तत्वोपनिषद् ।
रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत । पृष्ठ संख्या.१३०. साइज १२x६। इञ्च ।.
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विनती संग्रह।
रचयिता श्री नवल । भाषा हिन्दी। पत्र संख्या २७. साइज १२४५१॥ इश्च 1 विषय-२४ तीथंकर, सम्मेदशियर, आदि की स्तुति की गयी है। जयपुर के प्रसिद्ध दीयाण बालचन्द्रजी के कहने से प्रन्थ रचना की गयी थी। विनती संग्रह। 1 रचियता श्री ब्रह्मदेव । भाषा हिन्दी । पृष्ठ संख्या ३६. साइज १०॥४४॥ इञ्च । विषय-प्रथम्र २४. सार्थकों की अजार २ स्तुति है तथा मागे भिन्न र विषयों पर स्तुतियां है। भासा की अपेक्षा अधिक उत्कृष्ट महीं है किन्तु भात्र अच्छे हैं। . . .
. . ...:.: .. . . . विनती. संग्रह । . . रचिता श्री देवसागर - भाषा हिन्दी । पत्र संख्या १८. साइज़..४६॥ इन्च । - मापा और भावों की अपेक्षा संग्रह कोई विशेष उपयोगी नहीं है।