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________________ * आमेर भंडार के अन्य * प्रबोधचन्द्रोदय । रचबिता श्री कृष्णनिय : भाषा भोग्कृत । प संख्या ७... साइन ११४॥। इञ्छ । लिपि संवत् १८२६ भट्टारक श्री सुरेन्द्रकीनि ने लिया है। प्रमापरीक्षा। रचिता श्रीमद् विद्यानन्दि । भाषा संस्कृत । पुष्ट संन्या १०. साइज ११४५ इञ्च । लिपि संबन १६८४. प्रमाग नयतवालंकार । रचयिता थे देवाचा ! भापा संस्कृत । पृष्ठ संख्या ७. साइज Ex2}} इञ्च । विषय-न्याय । प्रति सटीक है। प्रमाग मीमांसा । रचयिता आचार्य हमचन्द्र । भाषा संस्कृत । एष्ट संख्या ३६. साइज ११||४४ इञ्च । विषय-न्याय। प्रति अपूल है। ३. सं आगे के पृष्ट नहीं हैं। प्रवचनसार। रगयिता आचार्य श्री कुन्दकुन्द । भाषा प्राकृत-संस्कृत-हिन्दी। पत्र संख्या ४४. साइज ११x१ उच्च लिपि संबन १७२५. लिपिम्बान रानपुर ! पंडित विहारीदास ने पढ़ने के लिये दीनानाथ से प्रतिलिपि करवाई । मूल ग्रन्थ का उलथा संस्कृत में है तथा गाथाओं का परिचय हिन्दी में दिया हुआ है। __ प्रति नं० पत्र संख्या ३१. साइज ११४५ इञ्च । लिपि संवत् १५०६. पं० मनोहर लाल ने पढने के लिये प्रतिलिपि बनायी। प्रति नं० ३. सटीक । टीकाकार श्री प्रभाचन्द्राचार्य। पत्र संख्या ४.७... साइज १११! इश्च । लिपि संबत १५७७. लिपिस्थान नागपुर । भट्टारक श्री धर्मचन्द्र को भेंट करने के लिये लिपि तैयार की गई। टीका संस्कृत में है। टीम का नाम प्रवचनसार प्राभृत टीका है। प्रति नं० ४. पत्र संख्या ७७. साइज ११४४।। इञ्च । ७७ से आगे के पृष्ठ नहीं है। प्रवचनसार भापा । मूलकत्ता आचार्य श्री कुन्दकुन्द । भाषाकार पं० जोधराज गोदीका । भाषा प्राकृत-हिन्दी । पत्र संख्या ७२. साइज १०x४|| इन्छ । भाषा रचना संयत १७२६. लिपि संवत् १८१६: - - छियानवे
SR No.090392
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherRamchandra Khinduka
Publication Year
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size5 MB
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