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________________ राजस्थान के जैन संत : व्यमित्व एवं कुत्तित्व ७. संवत् १५५६ में शानभूषण के भाई आ. रत्नकोसि के शिष्य न. रत्नसागर ने रांधार मंदिर के पारवनाथ चैत्यालय में पुष्पदंत कृत यशोधरचरित्र को प्रतिलिपि करवायी थी। प्रशास्ति भयह पृ. ३८६ ८. संवत् १५५७ अषाढ बुदी १४ के दिन ज्ञानभूषण के उपदेश से हवड जालीय श्री श्रेष्ठी जहता मायों पांचू ने महेश्वर कवि द्वारा विरचित शब्दभेदप्रकाश की प्रतिलिपि करवायी । ग्रन्थ संख्या-२८ अग्रवाल मंदिर उदयपुर ९. संवत् १५५८ में क्र. जिनदास द्वारा रचित हरिवंश पुराण की प्रति इन्हीं के प्रमुख शिष्य विजयीत्ति को मेंट दी गई देवल ग्राम में ग्रन्थ संख्या-२४७ शास्त्र मंडार उदयपुर ज्ञानभूषण के पश्चात् होने वाले कितने ही विद्वानों के इनका आदर पूर्वक स्मरण किया है। भ. शुभचंद की दृष्टि में न्यायशास्त्र के पारंगत विद्वान थे एवं उन्होंने अनेक शास्त्रार्थों में विजय प्राप्त की थी । सकल भूषण ने इन्हें ज्ञान से विभूषित एवं पांडित्य पूर्ण बललाया है तथा इन्हें सकळकीत्ति की परम्परा में होने वाले भट्टारकों में सूर्य के समान कहा है। ज्ञानभूषण की मृत्यु संवत् १५६० के बाद किसी समय हुई होगी ऐसा विद्वानों का अभिमत है। मूल्यांकन : भट्टारक ज्ञान भूषण' साहित्य-गगन में उस सयम अवतरित हुए जय हिन्दी भाषा जन-साधारण को दानः धानः भाषा बन रही थी। उस समय गोरखनाथ, विधापति एवं कबीरदास जैसे जैनेतर कवि एवं स्वयम्भू, पुष्पदन्त, वीर, नयनन्दि, राजसिंह, सधारू और बहम-जिनदास जैसे जैन-विद्वान् हो चुके थे। इन विद्वानों ने हिन्दीसाहित्य' को अपने अनुपम अन्य में किये थे। जाता जिन्हें चाव के साथ पड़ा करती थी। 'म. शानभूषण' ने भी 'आदिनाथ फागु' जैसी चरित प्रधान रचना जन-साधारण की ज्ञानाभिवृद्धि के लिए लिखी तथा जलगालन रास, पांसह रास, एवं षट्कर्मरास जैसी रचनाएं अपने भक्त एवं शिष्यों के स्वाध्यायार्थ लिम्लीं । इन रचनात्रों का प्रमुख उद्देश्य संभवतः जन-साधारण के नैतिक एवं व्यावहारिक जीवन को ऊंचा उठाये रखना था। यद्यपि काव्य की दृष्टि से ये रचनाए कोई उच्चस्तरीय रचनाएं नहीं है, किन्तु कवि की अभि-रुचि देखने योग्य है कि
SR No.090391
Book TitleRajasthan ke Jain Sant Vyaktitva evam Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherGendilal Shah Jaipur
Publication Year
Total Pages322
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & History
File Size5 MB
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