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________________ Atta SONGSee २०५ प्रवचनसार-सप्तदशाङ्गी टीका प्रथ सर्वथाऽभावलक्षणत्वमतद्भावस्य निषेधयति---- जं दव्वं तण्ण गुणो जो वि गणो सो ण तच्चमत्थादो। एसो हि अतब्भावो गोव अभावो त्ति णिदिट्टो ॥१०॥ जो द्रव्य न वह गुण है, जो गुण है वह न द्रव्य लक्षरगसे । अतद्भाव ऐसा है, किन्तु सर्वथा अभाव नहीं ॥ १०८ ॥ यद्रव्यं तन्न गुणो योऽपि गुणः स न तत्त्वमर्थात । एष ह्यतदभावो नैव अभाव इति निर्दिष्टः ॥ १०८॥ एकस्मिन्द्रव्ये यद्रव्यं गुणो न तद्भवति, यो गुणः स द्रव्यं न भवतीत्येवं यद्रव्यस्य गुणरूपेण गुणस्य वा द्रव्यरूपेण तेनाभवनं सोऽतद्भावः । एतावतवान्यत्वव्यवहारसिद्धेर्न पुन नामसंज्ञ--ज दव्व त ण मुण ज वि गुण त ण तच्च मत्था एत हि अतब्भाव ण एव अभाव त्ति मिटि । धातुसंज-निर दिरा प्रेक्षणे । प्रातिपदिक- यत् द्रव्य तत् न गुण यत् अपि गुण त न तत्व अर्थ एतत् हि अतद्भाव न एवं अभाव इति निर्दिष्ट । मूलधातु-निस् दिश अतिसर्जने 1 उभयपदविवरण अब अतद्भावके सर्वथा अभावरूप लक्षणपनेको निषिद्ध करते हैं--[यत् द्रव्यं] जो द्रव्य है [तत् न गुणः] वह गुण नहीं है, [अपि यः गुरणः] और जो गुण है [सः न तस्व] वह द्रव्य नहीं है । [प्रस्थादो] शब्दार्थ लक्षणकी अपेक्षासे [एषः हि प्रतद्भावः] यह ही प्रतद्भाव है; [न एव अभाव:] सर्वथा अभाव अतभाव नहीं है: [इति निर्दिष्टः] ऐसा प्रभुके द्वारा निर्दिष्ट किया गया है । तात्पर्य--द्रव्य, गुण, पर्याय में शब्दार्थलक्षणकी अपेक्षा अतद्भाव है, सर्वथा प्रभाव रूप अतद्भाव नहीं। टोकार्थ---एक द्रव्यमें जो द्रव्य है वह गुण नहीं है, जो गुण है वह द्रव्य नहीं है; इस प्रकार द्रव्यका गुणरूपसे न होना अथवा गुणाका द्रव्यरूपसे न होना अद्भाव है; क्योंकि इलनेसे ही अन्यत्वरूप व्यवहार सिद्ध होता है । परन्तु द्रव्यका प्रभाव गुण है, गुणका प्रभाव द्रव्य है, ऐसे लक्षण बाला प्रभाव अतभाव नहीं है। ऐसा होनेपर एक द्रव्यके अनेकपना प्रो जायगा, उभयशून्यता हो जायगी, अथवा अपोहरूपता आ जायगी । स्पष्टीकरण-जैसे चेतनद्रव्यका प्रभाव प्रचेतन द्रव्य है और अचेतन द्रव्यका प्रभाव चेतन द्रव्या है, इस प्रकार उनके प्रनेकपना है, उसी प्रकार द्रव्यका प्रभाव गुण, और गुरणका प्रभाव द्रव्य है; इस प्रकार एक द्रव्यके भी अनेकपना आ जायगा । जैसे सुवर्णका अभाव होनेपर सुवर्णत्वका प्रभाव हो जाता है, और स्वर्णत्वका अभाव होनेपर सुवर्णका अभाव हो जाता है, इस प्रकार उभयशून्यत्व हो जाता है; उसी प्रकार द्रव्यका अभाव होनेपर गुणका अभाव और गुणका प्रभाव होनेपर अन्य -- -- - COM S माधPanileon ACShue comamritime
SR No.090384
Book TitlePravachansara Saptadashangi Tika
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages528
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Sermon
File Size22 MB
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