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१६-१००८ श्री मल्लिनाथ जी पूर्वमव---
द्वीपों में सार जम्बूद्वीप है। विदेह क्षेत्र इसके अन्दर अवस्थित होकर सतत मुक्तिमार्ग प्रदर्शन करता है । अलकापुरी को भी लज्जित करने वाली वीतशोका नगरी थी। इसका राजा था वैश्रवण । यह प्रतापी, बुद्धिमान, कलागुण निपुण चतुर एवं प्रजावत्सल था । राज्य की सर्वाङ्गवृद्धि हो रही थी।
- एक दिन कुच्छ मित्रों के साथ राजा वनक्रीडार्थ गया । वहाँ सुन्दर हरियाली, निर्मल जल पूर्ण निझरने, सरिताओं की तरंगे, प्रयामल घनघटा, इन्द्र-धनुष, चपला चमक, बगुलामों का उत्पतन, मयूरों की केकी एवं मनोहर नृत्य देख उसका चित्त मुग्ध हो गया। वहीं विचरण करते हुए उसने एक विशाल शाखा-उप-शाखामों से व्याप्त प्रति सघन बड़ का वृक्ष देखा । उसकी शाखाएं जमीन में बंसकर भू-को शीतल एवं
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