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________________ ( २२० । प्रदक्षिणाली. परिक्रमा. फेरी। भल्लाद पु.वास्तुदेव । प्रशोत.तीसरा व्ययका माम | भवन न. प्रासाद, मंदिर, मकान, गृह । प्रभा स्त्री. तेज, प्रकाश भाराधार पु.शिरावटी घर के पूजनीय वेद । प्रवाल म. मूमा, रलविशेष । भिद्रपु. प्रासाद की पीठ के नीचे का पर। प्रवाह पानीका बहाव । भित्ति स्त्री. दीवार । प्रवेश परों के भीतर का माम। भिन्न न, सूर्यकिरणा मादि से भवित गर्भगृह, दोध विशेष, . प्रहार , भूगों के नीचे का पर। वितान (छ.) की एक आति । प्राक् स्त्री. पूर्वदिया। भुवनमण्डन पु. वैर ज्यादि चौवहां प्रासाव । प्राकार सिला, कोट, दीवार । भूतन. पांच की संख्या, धियादि पांच तत्व। प्राग्ग्रीव पु. प्रासाद के गर्भगृह के मागेका मंडर। भूधर यु. केसरी जाति का पंद्रहवा पोर बंशज्यादि प्राची स्त्री. पूर्वदिया। ___माति को तेरहवां प्रसाद । प्रासाद पु. देवमंदिर, राजमहल । भूमि स्त्री, माल, मंजिल । लक्ष पु. वृक्ष विशेष, काकर, पिलखन ! भूमिज | पु. प्रासाद की अति विशेष । प्लव पानीको बहाव । भुमिजा भृङ्गराज पु, पारसुदेव । फरिणमुख न. शेषनामका मुख, यह नींव खोदने के प्रारंभ भृश पु. वास्तुदेव । भ्रम पु. परिक्रमा, फेरी। फालना स्त्री.प्रासाद की दीवार केसांचे। भ्रमणी स्त्री. परिक्रमा, फेरी । फांसना श्री. प्रासाद की एक आति विशेष भ्रमन्तिका स्त्री. देखो ऊपर का शब्द ! भ्रमा स्त्री, प्रासाद के 3 भाष के मान को कोली मस: बङ्गन, कलई मामको धातु बला न. कक्षासन बाला मंप, गर्भगृह के बलारणक। भागे का माप, मुखमंन । मकर पु. मार के मुखमाली नाली। मञ्ची स्त्री. प्रासाद से दीवार की अंधा के नीचे राण पू. पांच को संख्या, शिवलिंग । और देवाल के ऊपर का पर विशेष । वीजपुर न. कलर के ऊपरका बीजोरा । मारी स्त्री. प्रासादका शिखर अथवा न। ब्रह्म पु. ब्रह्मा। म. ए. ऋषि माश्रम, धर्मगुरु का स्थान । ब्राह्मथन. रोहिणी नक्षत्र मण्डन पु. एक विद्वान सूत्रधार का नाम, जो १५ नों शताब्दि में चित्तोट के महाराणाभकाई। भक्ति स्वी, १२ की संख्या । के प्राश्रित या प्राभूषण । भग्न वि. संहिता मण्ड पु. गर्भगृह के मागे का ग्रह। भद्रन, मंडल विशेष, प्रासाद का मध्य भाग । मण्डलम गोल प्रादि प्राकार वाली पूजन की माकृति । भद्रक पु. भासा स्तंभ मण्डुको स्त्री, वाह के ऊपर की पाटली जिसमें भद्रास्त्री नोंद को दूसरी शिलाका नाम, तिथि विशेष । ध्वजा लगाई जाती है। भरा म.प्रासाद की दीवारामौर स्तम के मण्टोवर प. प्रासादकी दीवार। मत्तवारण न. कटहा। .... MAHARANAMAks.singanee भरणी कार का पर।
SR No.090379
Book TitlePrasad Mandan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year
Total Pages277
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size7 MB
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