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* प्रियोदय हिन्दी व्याख्या सहित *
[४७१] .0000000000000000000000000000000000000000 0000000000000000000000000अथ चूलिका-पैशाची-भाषा-व्याकरण प्रारम्भ
चूलिका पैशाचिके तृतीय-तुर्ययोराद्य-द्वितीयौ ॥ ४-३२५ ॥
चूलिका पैशाचिके वर्गाणां तृतीय-तुर्ययोः स्थाने यथासंख्यमाद्यद्वितीयौ भवतः ।। नगरं । नकरं ॥ मार्गणः। मक्कनो । गिरितटम् । किरि-तट ।। मेघः । मेखो ॥ व्याघ्रः । वक्खो ॥ धर्मः । खम्मो ।। राजा । राचा ॥ जर्जरम् । चच्चरं । जीमूतः । चीमृतो ॥ निरः । निच्छरो ।। झझरः । छच्छरो ।। तडागम् । तटाकं ॥ मंडलम् । मंटलं ॥ डमरुकः । टमरुको ।। गाढम् । काठं ॥ पकः । संठो । ढक्का | टका ! मदनः । मतनो ॥ कन्दर्पः । कन्तप्पो ॥ दामोदरः । तामोतरो ॥ मधुरम् । मधुरं ॥ बान्धवः । पन्थयो ॥ धूली । धूली ॥ बालकः । पालको । रमसः । रफमो || रम्भा । रम्फा ॥ भगवती । फायती ॥ नियोजितम् । नियोचितं ।। कचिलाक्षणिकस्यापि । पडिमा इत्यस्य स्थाने पटिमा | दादा इत्यस्य स्थाने ताठा ॥
अर्थ:-चूलिका-पैशाचिक भाषा में क धरा से प्रारम्भ करके प वर्ग तक के अक्षरों में से वर्गीय सृतीय अक्षर के स्थान पर अपने ही वर्ग का प्रथम अक्षर हो जाता है और चतुर्थ अक्षर के स्थान पर अपने ही वर्ग का द्वितीय अक्षर हो जाता है। क्रम से इस सम्बन्धी उदाहरण इस प्रकार हैं:-{१) 'ग' कार के उदाहरण-(अ) नगरम्-नकर शहर । (ब) मार्गणः =मक्कनो-याचक-मरंगनेवाला । (स) गिरि-तटम्-किरि-तदं- पहाड़ का किनारा ।। ('च' कार के उदाहरणः-(अ) मेघः मेखोन्बादल । (ब) व्याघ्रः = पक खो-शेर-चित्ता (स) धर्मः खम्मो-धूप ।। (३) 'ज' कार के उदाहरण:--(अ) राजा-राषा-राजा-नपति (ब) जर्जरम = चच्चरं = कमजोर, पीड़ित । (स) जीमूतः - चीमूतो = मेघ बादल । (४) 'झ' के पदाहरणः-शाहरः - छच्छरो झांझ-बाजा विशेष । निर्झरः = निच्छरोझरना-नीत ॥ (५) 'डकार' के उदाहरणः-(अ) तडागम् = तटाकै = तालाब। (ब) मंडलम् - मंटलं =समूह, अथवा गोल । (स) उमरूकः = दमरूको-याजा विशेष ।। (६) 'ढकार' के उदाहरणः(अ) माढम् = काठं = कठिन-मजबूत । (घ) पण्डः =सण्ठी - नपुसक । (स) ढक्का = ठक्का = बाजा विशेष (9) 'कार' के उदाहरण:-(अमदनः मतनोकामदेव । (ब) कन्दर्पः = कन्तप्पो = कामदेव । (स) दामोदरः = तामातरो= श्रीकृष्ण-वासुदेव ॥ (८) 'धकार' के उदाहरण:-(अ) मधुरम् = मथुरं-मोठा । (घ) बान्धवः - पन्थवो =भाइ बन्धु । (स) धूली-थूली =धूल-रज (E) 'स' का उदाहरण:- बालकः =पालको बच्चा । (१०) 'भकार' के उदाहरणः-(ब) रभसः - रफसा सहसा, एकदम । (ब) रम्भा = रम्फा = अप्सरा विशेष । (स) भगवती = फायती देवी, श्रीमती (११) 'जकार' का उदाहरण:-नियोजितम् =नियोचित = कार्य में लगाया हुआ ।
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