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साहित्य जो हमें प्राप्त हुना है उसका अधिकांश भाग जयपुर, अजमेर एवं नागोर के भण्डारों में उपलब्ध हश्रा है। इस प्रकार हिन्दी की १३-१४ वीं शताब्दी तक की प्राचीनतम रचनायें भो हमें इन्हीं भण्डारी में FAMLETई हैं। संभ १९२५४ में निबद रल्ह कवि कृत जिनदत्त चौपई इनमें उल्लेखनीय रचना है जो अभी १ वर्ष पूर्व ही कासलीषालजी को जयपुर के पाटोवी के मन्दिर के शास्त्र भण्डार में उपलब्ध हई थी ।
हम राजस्थान के सभी ग्रंय भण्डारों की चाहे वह छोटा हो या बड़ा प्रय सूची प्रकाशित कराना चाहते हैं। इससे इन भण्डारों में उपलब्ध विशाल साहित्य तो प्रकाश में प्रा ही मकेगा किन्तु ये भंडार भी व्यवस्थित हो जावेंगे तथा उनको वास्तविक संख्या का पता लग जावेगा। किन्तु हमारे सीमित माथिक साधनों को देखते हुये इस कार्य में कितना समय लगेगा यह कहा नहीं जा सकता | फिर भी हम इस कार्य को कम से कम समय में पूर्ण करना चाहते हैं । यदि साहित्यिक यन के इस मुख्य कार्य में हमें समाज के विद्वानों एवं दानी सरजनों का सहयोग मिल जाये तो हम इस प्रथ सूची प्रकाशन के सारे कार्य को ५-७ वर्ष में ही समाप्त करना चाहते हैं।
ग्रंथ सूची का चतुर्थ भाग जिसमें करीब हजार हस्तलिखित ग्रंथों का विवरण रहेगा प्रायः सेयार है तथा उसे शीन हो प्रकाशनार्थ प्रेम में दिया जाने वाला है इसके अतिरिक्त १३ वी शताब्बी को हिन्दी रचना जिनदत धौपाई का भी सम्पावन कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है और प्राशा की जाती है उसे भी हम इसी वर्ष पाठकों के हाथों में दे सकेंगे।
अन्त में प्रद्युम्न चरित के सम्पादन एवं प्रकाशन में हमें श्री कस्तूरचन्दजी कासलीशल एम. ए. शास्त्री एवं पं० अनूपचन्दजी न्यायतीर्थ प्रादि जिन २ विद्वानों का सहयोग मिला है मैं उन सभी का आभारी हूँ। राजस्थान के प्रसिद्ध विद्वान् श्री चनसुखदासजी सा० न्यायतीर्य, अध्यक्ष जैन सांस्कृत कालेज का हमें जो ग्रंथ सम्पादन में पूर्णसहयोग मिला है उनका मैं विशेष रूप से प्राभारी हूँ। पंडितो साहब से हमें साहित्य सेवा की सतत प्रेरणा मिलती रहती है । क्षेत्र की अोर से संचालित इस जैन साहित्य शोध संस्थान की स्थापना भी पाप हो की प्रेरणा का फल है। पुस्तक का प्राक्कथन लिनने में प्रयाग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डा. माताप्रसादजी गुप्त में जो कष्ट किया है उसके लिये मैं उनका हृदय से प्राभार प्रकट करता हूँ' तथा प्राशा करता है कि भविष्य में भी हमें उनका ऐसा हो सहयोग मिलता रहेगा। जयपुर
केशरलाल बख्शी ता०१०-६-५६