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( १७. ) (२५) बमने एक कुमार को छोड़ दिया कि जाकर राजा को सारी बात कइ दे और कहला दिया कि अगर तुम में साहस हो तो सभी दलबल को लेकर श्रा जायो।
(२५८) यमसंवर राजा बैठा हुआ था वहां यह कुमार भाग कर पुकारने लगा कि सभी कुमारों को शाबड़ी में डालकर ऊपर से बज शिला डाल दी है।
जमसंबर और प्रद्य म्न के मध्य युद्ध (२५६) वचनों को सुनकर राजा बड़ा क्रोधित हुआ तथा उसने विचार किया कि आज प्रद्युम्न को समाप्त कर दूगा। रथ हाथी को सजा लिया गया तथा घोड़ों पर काठी एवं हाथी पर झूल रख दी गयी ।।
(२६.. गुमधारी, पैरल चलने वाले, सहगधारी तथा अन्य सारी फौज को चलने में जरा भी देर नहीं लगी । प्रनम्न ने सेना को श्राते हुये देखकर मायामयी सेना तैयार करली ।
(२६१) यमसंवर की बलशानी सेना वहां जा पहुँची तथा एक दूसरे को ललकारते हो मदोन्मत्त होकर परस्पर मिड गई । युद्ध में राजा से राजा . भिड गये तथा पैदल से पैदल लड़ने लगे।
(२६२) यमसंबर हार गया तथा उसकी चतुरंगिनी से को मार कर गिरा दिया गण | नब विद्याधर राजा बड़ा दु.खी हुश्रा और अपना रथ मोड करके नगर की ओर चल दिया ।
(२६३ जब वह अपने महल में पहुँचा तो कालसंवर ने कनकमाला से जाकर यह बात कही कि तीनों विद्यायें मुझे दे दो।
(२६४) पचन सुनकर वह स्त्री बड़ी दुःखी हुई तथा ऐसी हो गई। मानों सिर पर बज गिर गया । हे स्वामी ! इन विधाओं का नो यह हुआ कि । मुझ से प्रचुम्न छीन ले गया।
(२६५) स्त्री के वचन सुनकर उसका इप्रय कांप गया और उसके होश उड गये तथा हृदय विदीर्ण हो गया । मुझ जैसे व्यक्ति से भी इसने झूठ बोली । वास्तव में प्रेम रस में डूबने के कारण इसने तीन विद्याप उसको । ' दे दी और मुझ से अब छल कर रही है कि कुमार छीन कर ले गश ।