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________________ अनुक्रम विद्याधरोंका बानरवंशियोंपर आक्रमण, अन्धक द्वारा विजयसिंहको हत्या, उसका वधूसहित नगर में प्रवेश और विद्याधरोंका आक्रमण, तुमुलयुद्ध, अन्धककी मुच्र्छा और भाईका विलाप पाताललंका में प्रवेश, बानरोंका पतन, किष्किन्धाका मधुपर्वतपर अपने नामसे नगर बसाना, मधुपर्वतका वर्णन, सुकेश के पुत्रोंकी किष्किन्ध नगर जाने को तैयारी, मालिकी लंका वापस लेनेको प्रतिज्ञा, लंकापर अभियान, युद्ध में मालिकी विजय । २९ आठवी सन्धि १३०-१४२ मालिका राज्य विस्तार, इन्द्र विद्याधरकी बढ़ती, दोनोंमें संघर्ष, दौत्य सम्बन्धका असफल प्रस्ताव युद्धका सूत्रपात, विद्यायुद्ध और मालिका पान, चन्द्र द्वारा मालिकी सेनाका पीछा करना, इन्द्रका रथनपुर नगर में प्रवेश, राज्यविस्तार | नौषी सन्धि १४२ - १५८ t मालिके पुत्र रत्नाश्रत्रका कंकशी से विवाह, स्वप्नदर्शन और उसका फल, रात्रणका जन्म रावणका नोमुखयाला हार पहनना, मका वैवण के वैरकी याद कराना रावणकी प्रतिज्ञा और विद्या सिद्ध करना, यक्षका उपद्रव, माया प्रदर्शन, विद्याकी प्राप्ति और घर लौटना । दसवीं सन्धि १५८-१७० रावण द्वारा चन्द्रहास खड्गको सिद्धि, सुमेरु पकी वन्दना, मारी और मन्दोदरी का आगमन, रात्रणका लौटना, मन्दोदरीका रूप चित्रण, विवाहका प्रस्ताव और विवाह, रावण द्वारा गन्धकुमारियों का उद्धार, उनसे विवाह, दूसरे भाइयोंके विवाह,
SR No.090353
Book TitlePaumchariu Part 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages371
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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