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________________ i 1 " में अब नयी अभिलाषा जन्म ले रही हैं। 44 'वह क्या है ?" 'युगल- मन्दिरों का कार्य पूरा हो ही गया है। विजयोत्सव के बाद इस स्थान में आकर आत्मशोधन करूँ, ऐसी इच्छा हो रही है। सन्निधान को कोई आपत्ति तो नहीं ?" 41 " इस पर राजधानी में जाकर विचार करेंगे। अपनी इच्छा से तीन चार दिन ज्यादा यहाँ ठहर गये। कम से कम त्रयोदशी तक हमें राजधानी पहुँच जाना चाहिए।" - - ब्रिट्टिदेव ने कहा । और इस प्रकार ठीक त्रयोदशी को राजपरिवार वापस राजधानी आ गया। इस बीच रानी लक्ष्मीदेवी, राजकुमार और तिरुवरंगदास मनौती पूरी कर वेलापुरी से लौट आये थे । राजधानी लौटने पर राजदम्पती को रानी लक्ष्मीदेवी की वेलापुरी की यात्रा के बारे में ज्ञात हुआ। दोनों आश्चर्यचकित हो गये। तब तक उन्हें इस मनौती के बारे में कुछ पता ही नहीं था, तो आश्चर्य क्यों न होता ! फिर भी उन्होंने उसे प्रकट नहीं होने दिया। और तो और, केवल 'खुशी की बात है, कहकर उस पर किसी तरह की चर्चा करने का मौका भी नहीं दिया। यदि उस तरह की मनौती की कोई बात उठती तो गंगराज को पहले से मालूम हो जाती थी। परन्तु वह कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे। राजदम्पती के आशय की वह समझ चुके थे, इसलिए वे भी चुप्पी साध गये । षड्यन्त्र से सम्बद्ध तथा न्याय विचार से प्रकट हुए कुछ लोगों को पकड़कर राजधानी में बुला लाने के लिए गुप्तचर भेजे गये थे। उनके प्रयत्नों से कुछ व्यक्तियों को, जिनके ऊपर सन्देह था, राजधानी में बन्दी बनाकर लाया गया था। राजदम्पती के लौटने के दो-चार दिनों के अन्दर ही फिर न्याय मण्डल बैठा । सभी अभियुक्तों पर पुनः न्याय - विचार हुआ। फलस्वरूप इतना स्पष्ट हो गया कि पोरसलों की इस प्रगति को सह न सकने वाले उनके शत्रुओं ने राज्य में भ्रान्ति पैदा करके, एकता को तोड़ने के लिए कुछ साधारण लोगों को इस चक्कर में डाला है। रानी लक्ष्मीदेवी और तिरुवरंगदास के नाम भी कई बार उस सन्दर्भ में लिये गये। वैसे ऐसा कोई पक्का प्रमाण नहीं मिला कि रानी लक्ष्मीदेवी या तिरुवरंगदास ने सीधे तौर पर किसी को इस कार्य के लिए उकसाया है। दण्डनाथ केलहति नायक के नाम को भो पट्टमहादेवी शान्तला भाग बार:: 397
SR No.090352
Book TitlePattmahadevi Shatala Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC K Nagraj Rao
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages458
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & History
File Size9 MB
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