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________________ "जलने की क्या जरूरत है? वह कोई भिखारिन होती तो हाथ पसारकर ले लेती। वह भिखारिन नहीं । सत्कुल-प्रसूता है। अच्छे गुरु के पास शिक्षा पा रही है। 'मुझे आश्चर्य इस बात का हुआ कि यह लड़की इस छोटी उम्र में कैसे इतनी औचित्य की भावना रखती है।" बिट्टिदेव ने ऐसे कहा मानो वह बहुत बड़ा अनुभवी हो। "अगर तुमको अच्छी लगी तो उसे सिर पर उठाकर राजमहल के बाहरी मैदान में नाचो। कौन मना करता है। मुझे तो ठीक नहीं लगी, वह अविनय की मूर्ति..." "अविनय ! न न, यह कैसा अज्ञान? भैयाजी, उस अम्माजी की एक-एक बात बहुत स्पष्ट थी, बहुत गम्भीर और विनय से भरी।" "मन में चाह रही ती पल अच्छा।" बालात ने साक्षा "हाँ, हाँ, चाह न हो तो सभी बुरा ही लगेगा।" बिट्टिदेव ने कहा। बात को बढ़ने न देने के उद्देश्य से युवरानी ने कहा, "तुम लोग आपस में क्यों झगड़ते हो-सुन्दोपसुन्दों की तरह।" "मैं तो सुन्दोपसुन्दों की तरह उस लड़की को चाहता नहीं।" बल्लाल कुमार ने कहा। "अच्छा, अब इस बात को बन्द करो। जाओ, अपना-अपना काम करो।" युवरानी ने कहा। बल्लाल कुमार यही चाहता था, वह वहाँ से चला गया। "माँ, आप कुछ भी कहें। वह लड़की बहुत बुद्धिमती है, बहुत संयमी और विनयशील है।" बिट्टिदेव ने कहा। "हाँ बेटा! हम भी तो यही कहती हैं। उसके माँ-बाप साधारण हेग्गड़े-हेगड़ती न हुए होते तो कितना अच्छा होता!" "माँ, कल हमारे गुरुजी ने पढ़ाते समय एक बात कही। समस्त सृष्टि के सिरजनहार उस कारणभूत परात्पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर की इच्छा के अनुसार ही समस्त कार्य चलते हैं। यदि उसकी इच्छा न हो तो एक तिनका भी नहीं हिल सकता। उस घर में ही उस अम्माजी का जन्म यदि हुआ है तो वह भी उस सर्वशक्तिमान परमेश्वर की इच्छा ही है न? उसे छोटा या कम समझनेवाले हम कौन होते हैं?" "छोटा या कम नहीं समझ रही हूँ, अप्पाजी | जैसे तुमने चाहा है वैसे हमने भी चाहा है, इसलिए उसके प्रति अनुकम्पा के भाव हमारे मन में हैं। यदि वह कुछ और ऊँचे घराने में जन्मी होती...'' बीच में ही बिट्टिदेव बोल उठा, "याने हमारा घराना ऊँचा है, यही है न आपका विचार?" "तुम्हारा मतलब है कि हमारा घराना ऊँचा नहीं?" चकित होकर युवरानी ने पूछा। 52 :: पट्टमहादेवी शान्तला
SR No.090349
Book TitlePattmahadevi Shatala Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC K Nagraj Rao
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages400
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & History
File Size8 MB
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