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४२ : पद्मपरित और उसमें प्रतिपादित संस्कृति मातुलिंगी ५ (बिजोरा), द्राक्षा" (दाख), नालिकेर (नारियल), आमलक (आँवला), नीप, कपिरथ (कथा), कदली८५ (केला), पूग २ (सुपाड़ी), कंकोल, लवंग, खजूर,५ इंगुद," मान" (आम) रसदार बेर, “ जम्मू (जामुन), बिमीतक० (बहेड़ा), अक्षोट' (अखरोट), नारिंग'२ (नारंगी), एला (इलायची), स्पन्दनविस्व ४ (दू), चिरबिस्व (बेल) तथा कम्यु (घर) के नाम आये हैं। पक्वान्न भोजन
अपूप -पुआ भारत का पुराना पक्वान्म है। गेहें के आटे को चीनी और पानी में मिलाकर घी में मन्दमन्द आँच में उतारे हुए माल पूए अपूप कहलाते पे । अपूप कई प्रकार के बनाये जाते थे 1 गुडापूप गुष्ठ हालकर बनाये जाते थे और तिलापूप तिल डालकर तैयार किये जाते थे। ये आजकल के अंदरसे के तुल्य होते थे। भ्रष्टा अपूप आजकल की नानखटाई या खौरी है। भाड़ में रखकर इनको सेका जाता था । चीनी में मिलाकर बनाये हुए भ्रष्टा अपूप वर्तमान विस्कुट के पूर्वज हैं। चूर्णिन अपूप गृझे या गुझिया है। ये कसार या आटा भीतर रखकर बनाये जाते थे । ९८
घनबन्ध -घेवर। शर्करा मोदक १००-शक्कर से बने हुए लड्डू 1
७५. पद्म० २।१७ ।
७६. पदमा २।१८। ७७. वही, २०१५।
७८. वही, ६०९१ । ७९. वही, ६.९१ ।
८०. वही, ६१९१ । ८१. वही, ६।९१ ।
८२. वही, ६.९२ । ८३, वही, ६९२ ।
८४. वही, ६।२३ । ८५, नही, ४१।२६ ।
८६. यहो, ४१०२६ । ८७. वही, ४१।२६ ।
८८. वही, ४१॥२६ । ८९. बहीं, ३।४८ ।
९०. वही, ४२।११। ९१, बही, ४२११।
९२. वही, ४२।१६। १३. बही, ४२।१९ ।
९४. वही, ४२१२० । ९५. वही, ४२॥२०॥
९६. वही, ९९।४८ । ९७. वही, ३४।१३। ९८. हौ. नेमिचन्द्र शास्त्री : आदिपुराण में प्रतिपादित भारत । ९९. पद्म ३४.१३ 1 १००, पद्म ३४६१४ ।