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९८ : पपवरित और उसमें प्रतिपादित संस्कृति पारापत ३१ (कवतर), तुरग ३४ (घोडा), एणक ३५, नैधिको (बैक), प्लवंग (बन्वर), कान वेय ७३८ (सर्प), द्विजोत्तमः ७३२ (गरुड) तथा परपुष्टा ४० (सोरिक।
मगर-प्राम रथनपुर:४१-विजयाई पर्वत के दक्षिण भाग का एक नगर । किष्किन्धपुर७४२--मधुपर्वत के शिखर पर स्थित एक नगर । रामपुरी४३-अरुण ग्राम के पास देवों द्वारा नसायी हुई नगरी ।
राजगृह - मगधदेश का एक समृद्ध नगर । इसे कुशाग्रनगर भी कहते ये। यहाँ मुनिसुव्रत नाथ भगवान् का जन्म हुआ था । ४५
त्रिपुर -देवताओं का नगर । कुबेरनगर ४-कुबेर की नगरी । यमपत्तन - यमराज का नगर । घूतंपत्तन४९-धूतौ का नगर । कांचनपुर ५०–विदेह क्षेत्र का एक नगर । किष्कपुर –दक्षिणसागर के द्वीप में स्थित नगर । ५२ अलंकारपुर ५३–पाताल लंका । १४
असुरनगर -इसे असुरसंगीतनगर भी कहते थे। यह विजयार्ष पर्वत को दक्षिण श्रेणी में स्थित था।
शतद्वार:५६- यह नगर धातको खण्ड द्वीप के ऐरावत क्षेत्र में स्थित था।
७३३, पम० १०५।१५।। ७३५. वही, ९९।४८ । ७३७. वही, १०२।१२६ । ७३९, वही, ११७।२८। ७४१, वही, १३५९। ७४३. वही, १९८३ । ७४५. वही, २०५६ । ७४७. वही, १३८ । ७४९, वही, २।४० । ७५१. यहो, ६१२२, १७७ । ७५३. वहीं, ६।४९०, ५०० । ७५५. वही, ७।११७ ।
७३४. पा. १०६०४० । ७३६. याही, १०२।१११ । ७३८. बही, ११७।२८ । ७४०. वही, ३२।३० । ७४२. बही, ११६६, १११५ ॥ ७४४. वही, २१३३ । ७४६, वही, २१३६ । ७४८, वही, २।३९ । ७५०. बही, ५१३५१ । ७५२. वही, ७।११५ । ७५४, वही, ६०५०६ । ७५६, पहो, १२२२.