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मीति वाक्यामृतम्
वा पुरुषम् ॥17॥ परपरिग्रहाभिगमः कन्यादूषणं वा साहसम् ।।18 ।। यत् साहसं दसमुख दण्डिका विनाश हेतुः सुप्रसिद्धमेव ।।19॥ यत्र नाहमस्मीत्यध्यवसायस्तत् साहसम् ।।20।। अर्थदूषकः कुवेरोऽपि भवति भिक्षाभा जनम् ॥21॥ अतिव्ययोऽपात्र व्ययश्चार्थ दूषणम् ॥22॥ हर्षामर्धाभ्यामकारणं तृणाङ्कुरमपि नोपहन्यात्किं पुनर्मय॑म् ॥23॥ श्रूयते किल निष्कारण भूतावमानिनौवातापिरिल्वलश्च द्वा-सुरावगस्त्याशना द्विनेशतुरिति 124॥ यथादोषं कोटिरपि गृहीता न दुःखायते अन्यायेन पुनस्तृणशलाकापि गृहीताप्रजाः खेदयति ।। |तरुच्छेदेनफलोपभोगः सकदेव ।।26 ॥प्रजाविभवोहिस्वामिनोऽद्वितीयो भाण्डागारोऽतोयुक्तितस्तमुप भुजीत ।।27॥ राजपरिगृहीतं तृणमपि काञ्चनी भवति [जायते पूर्व सञ्चितस्याप्यर्थस्यापहाराय ] 128॥वाक् पुरुष्यं शस्त्र पातादपि विशिष्यते ॥29॥ जाति चयों दृत विश्वासोषणाग्नि बायो वायपारुष्यम्॥३०॥ स्त्रियमपत्यं भृत्यं च तथोक्त्या विनयं ग्राहयेछथा हृदयप्रविष्टाच्छल्यादिवन ते दुर्मनायन्ते ।।31॥ वधः परिक्लेशोऽर्थहरणमक्रमेणदण्डपारुष्यम् ।।32॥ एकेनापिव्यसनेनोपहतश्चतुरङ्गोऽपि राजा विनश्यति, किं पनाष्टादशभिः ।३१॥
क्रमशः अन्वय, विशेषार्थ :
(स्त्रियमतिशयेन) अपनी स्त्री को भी अतिशय (भजमानः) भोगने वाला (अवश्यम) जरूर ही (तृतीया) तीसरी वृद्धावस्था [प्रकृति] पने को (भवति) हा
जो पुरुष स्व विवाहित के साथ भी अनावश्यक भोग भोगता है उसका वीर्य अधिक मात्रा में क्षरण होने से असमय में ही वृद्ध दशा को प्राप्त होता है In ॥ कहा है :
अकालं जरसा युक्तः पुरुषः स्त्रीनिषेवणात् ।
अथवा यक्ष्मणा युक्तस्तस्माद् युक्तं निषेवयेत् ॥1॥ अर्थ :- इसका भी अभिप्राय उपयुक्त ही है । अत: अपनी पत्नी के साथ भी मर्यादित रूप में ही भोग भोगे। सीमा का उलंघन न करे ।।6।।
(सौम्य) वीर्य (धातुक्षयेण) क्षय होने से (सर्वधातुक्षयः) सर्व धातुओं का क्षय है । यदि मर्यादा रहित स्त्री संभोग होगा तो अधिक वीर्य क्षय होने से अन्य-रस, रुधिर, मांस, मेद व अस्थि आदि भी धातुएँ नष्ट हो जाती हैं । सारांश यह है कि नीति मान पुरूषों को अपनी शक्ति के बीजभूत वीर्य का रक्षण करने बेतु ब्रह्मचर्य व्रत का अधिक पालन करना चाहिए ।। अपनी स्त्री का भी लोलुपता वश अधिक भोगने का त्याग करना चाहिए । मर्यादा उत्थान की सोपान है 17 ॥ वैद्यक ने भी कहा है :
सौम्य धातुक्षये पुंसां सर्वधातु क्षयो यतः । तस्मात्तं रक्षयेद् यत्नान्मूलोच्छेदं न कारयेत् ॥
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