SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 183
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दशवकालिक नियुक्ति ३२३. संवेगो निब्वेओ, विसयविरागो' सुसीलसंसग्गो' । आराधणा तो नाण-दसण-चरित्त-विणए य ।। ३२४, खेती य मद्दवज्जव, विमुत्तया' 'तह अदीगय" तितिक्खा। आवस्सगपरिसुद्धी य होति भिक्खुस्स लिंगाणि ।। अज्झयणगुणी भिक्खू, न सेस 'इति एस णे पतिणत्ति। अगुणत्ता इति हेतू, को दिळंतो ? सुवण्णमिव ।। ३२६. विसघाति रसायण मंगलत्त विणिए" पयाहिणावत्ते । गुरुए अडज्झऽकुच्छे", अट्ठ सुवण्णे गुणा भणिता ।। ३२५. १. लिवेगो (हा.अ.रा। २. • संसग्गी (ब,अचू)। ३. विभुत्तिया (रा)। ४. तह य अदीण (अ)। ५. लिंगाय (अ,ब,हा)। ६. इइ णो पइन्न-को हेऊ (व,रा,हा), इस गो ७. पंचवस्तु में "एतोच्चिय णिहिटी 'पुग्यायरि एहि' भावसाहु ति"- ऐसा उल्लेख करके दशवकालिक नियुक्ति के दसवें अध्ययन की नियुक्तिगाथाएं उवृत की हैं। टीकाकार ने पुष्वायरिएहिँ का अर्थ भद्रबाहुप्रभृति किया है । फुछ गाथाओं में पाठ भेद भी मिलता है। १२. हुंति (रा)। पंचधस्तु में विसपाति"(दशनि गा. ३२६) की गाथा के बाद तीन गाथाएं और हैं जो दशवकालिक नियुक्ति में नहीं हैं। इन गाथाओं के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि 'पुवायरिएहि' पाद में अन्य आचार्यों का समावेश भी हो जाता है। इन तीनों गाथाओं में विसपाइ" (दनि ३२६) की व्याख्या है अत: यह भी संभव है कि स्वयं पंचवस्तुकार ने इन गाथाओं की रचना कर दी हो । वे गाथाएं इस प्रकार है इस मोहविसं घाया, सिचोवएसा रसायणं होई । गुणओ य मंगलत्यं, कुण विणीओ य जोगति ।। मग्गाणसारि पयाङ्गि, गंभीरो गुल्यमो तहा होइ । कोहग्गिणा अडामो, अकुत्य सह सीलभावेण ।। एवं विठ्ठतगुणा सम्मि , वि एत्य होति णायचा। ण हि साहम्माभावे, पापंजे हो पिछतो।। (पंचवस्तु-११९३-९५) तु. सुत्तस्थगुणी साहू ण, सेस इह जो पइण्ण इह हेऊ । अगुणत्ता इति णेमो, दिळंतो पुण सुवणं च ।। (पंचवस्तु गा. ११९१) ८. धाय (ब), घाइ (जिचू)। ९. मंगलस्थ (अ,छ,हा)। १०. विणए (पंव)। ११. अब. (ब), • कुत्थे (अ,ब,हा), पंच ११९२।
SR No.090302
Book TitleNiryukti Panchak
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages822
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy