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-निमित्तशास्त्रमकिण्होवच्छविणासोरत्तोपुण उदयणासणो भणिओ। __ अइकालस्तवण्णोदीसंतअसोहणोणयरो॥१४२। अर्थ :ॐ गन्धर्वनगर यदि काले वर्ण का हो तो वह वस्त्र का नाश करता,
है । लालरंग का गन्धर्वनगर उदय के नाश को दर्शाता है। यदि । गन्धर्वनगर लालरंग का हो और अधिक देर तक दिखाई देवे तो वह अधिक अशुभ है।
एएदरसणणूवाणयरीअसुहावहा मुणेयव्या। है जम्मिदिसे दिसिज्जातम्मिदिसेतत्तुणायव्वा।।१४३|| अर्थ :
गन्धर्वनगर जिस शहर व जिस दिशा में दिखाई पड़ें, वह उसी शहर और उसी दिशा का नाश करता है अर्थात् उसे हानि पहुंचाता है। 8 अह रिक्खमज्झवच्चहछायंतोतारयाणि बहुयाणि।
सोमज्झदेसणासंकुणइपुणोणत्थिसंदेहो॥१४४॥
अर्थ :
आकाश में तारों की तरह बीच में छाया हुआ गन्धर्वनगर दिखाई, देने पर वह मध्य देश का नाश करता है। इसमें किसीप्रकार का सन्देह नहीं है।
एयंतेणउवच्चइ एयंत विणाउ हवइ दिहो। यच्च तद्देसणासंवाहीमरणंचदुभिक्ख॥१४५||
अर्थ :
म यह गन्धर्वनगर जितनी दूरी तक फैला हुआ दिखाई पड़े, उतनी दूरी तक देश का नाश, रोग से मरण और दुर्भिक्ष को दर्शाता है।
इंदपुरणयर सहिऊदीसइ जइपुक्खरोय हिंडतो।