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________________ १३२ धनञ्जय-नाममाला रथाङ्गपाणि ३८ रमणी वरयिता वरला पराक वरिष्ठ वणिनी P रमा रवण रश्मि रसा राक्षस रागसून राजसर्प वर्तनी अर्षीयान वर्म वहण বা वसति जिल विदाय विवसन विवस्वान बिबिक्त विशारद विशिस्त्र ਵਿਸ २८ विश्वकप विश्वास विष्टर १९ . विष्टरश्रवाः ३८ विष्णुपद विष्णुपदी बिष्ण रथ विष्वक्सेन विसर विसार राजा रात्रि राशि रिश्य KVSK वसु वस्त्र ४७ वस्न रुम्म समि हस्य वह्निरेता वातप्रमी वामदेव वामनेत्रा वारिद रोक विस्तीर्ण रोचि रोधोबका Wwr वार्ता रोप वीणा वीतहोत नीति रोहिणीवल्लभ २४ वीरुत्र वासयी वासिता वास्तोष्पति त्रिकर विकिर विकर्तन विक्रान्त वृजिन वृत्तान लक्ष्य लव वर्ण लक्षणोद सहरी 05 Om वारि विग्रह (५६ लेख ३० ३१ लेड् वह वृद्ध वृद्धधवाः वृन्दारक वृषाकपि वृषात म वक्षोह वजधर देणी विजन विधा विधेय विपटिचत् विपुला विबुध विभव विभा विभावरी १६ । विरोक बटु - वनमाली यनौत्रस् वैकुण्ठ वैजयन्त वैवस्वत व्यक्त - ___ २५ २५ वपा बयसी -- २० व्यञ्जक
SR No.090291
Book TitleNammala
Original Sutra AuthorDhananjay Mahakavi
AuthorShambhunath Tripathi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1950
Total Pages150
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size4 MB
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