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________________ १७ भाष्यस्थ शब्दानुक्रमणिका दीर्घ दीर्घजङ्घ दीपृष्ठ दुर्गति धूमिका १९ / घृष्णि २ । ध्रुव ७७ न त्रिदशदीधिका ३६ त्रिदिव विपथा ७८ त्रिपुरान्तक ३६ त्रिप्रवरा त्रियामा त्रिका २७ विविष्टपसद् ३० त्रिसंचरा त्रिसरणि विनीता दुर्वर्ण २५ - ૨૮ ७८ १४ दुश्च्यवन दुकश्रुति देवता दैवत दोषग्राही दोषज्ञ नक्तमुना नखरायुध नलिनी नाक नागान्तका नालीक नासिका निःशलाक निकाय नि करम्ब निखिल ८० ५१ त्र्यध्वा ८४ PK ८८ निगम दुणा दक दक्ष दक्षाध्वरध्वंसक ३६ दक्षिणापति ७१ दण्उधर दण्डाहत दध्युद दन्तावल दन्दशूक दमुना दमूना दयिता दीकर Nm१० द्वादशात्मा द्विजराज द्विजिह्व द्विरसन द्वीपवती द्वीपी द्वेषण नितराम् निरय निर्जर निर्झरिणी नियंथन निवह निशीयिनी २५ নিগ্নীঘিৰীনাথ ২৪ निषट्टर नूल नुपलक्ष्म दशमीस्थ नेम दस्यु धनञ्जय धरणिधर धर्मराज धर्षणी ७१ दाक्षायणीरमण २५ दाण्डाजिनका ८० नेस्ना नकर्षय नकसेय नंत धव २३ । धाम धाराधर ३८ न्य ४६ धीर दाशाह दासेरक दिगम्बर दिनकर दिनमणि दिवस्पति धूपक धुमध्वज चूमयोनि २६ पर पङ्कज पञ्चशास्त्र पन्चानन Prem धूमल
SR No.090291
Book TitleNammala
Original Sutra AuthorDhananjay Mahakavi
AuthorShambhunath Tripathi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1950
Total Pages150
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size4 MB
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