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भाष्यस्थ शब्दानुक्रमणिका
दीर्घ दीर्घजङ्घ दीपृष्ठ दुर्गति
धूमिका १९ / घृष्णि २ । ध्रुव
७७
न
त्रिदशदीधिका ३६ त्रिदिव विपथा ७८ त्रिपुरान्तक ३६ त्रिप्रवरा त्रियामा त्रिका २७ विविष्टपसद् ३० त्रिसंचरा त्रिसरणि विनीता
दुर्वर्ण
२५
-
૨૮
७८
१४
दुश्च्यवन दुकश्रुति देवता दैवत दोषग्राही दोषज्ञ
नक्तमुना नखरायुध नलिनी नाक नागान्तका नालीक नासिका निःशलाक निकाय नि करम्ब निखिल
८०
५१
त्र्यध्वा
८४
PK
८८
निगम
दुणा
दक दक्ष दक्षाध्वरध्वंसक ३६ दक्षिणापति ७१ दण्उधर दण्डाहत दध्युद दन्तावल दन्दशूक दमुना दमूना दयिता दीकर
Nm१०
द्वादशात्मा द्विजराज
द्विजिह्व
द्विरसन द्वीपवती द्वीपी द्वेषण
नितराम् निरय निर्जर निर्झरिणी नियंथन निवह निशीयिनी २५ নিগ্নীঘিৰীনাথ ২৪ निषट्टर नूल नुपलक्ष्म
दशमीस्थ
नेम
दस्यु
धनञ्जय धरणिधर धर्मराज धर्षणी
७१
दाक्षायणीरमण २५ दाण्डाजिनका ८०
नेस्ना नकर्षय नकसेय नंत
धव
२३ । धाम
धाराधर
३८
न्य
४६
धीर
दाशाह दासेरक दिगम्बर दिनकर दिनमणि दिवस्पति
धूपक धुमध्वज चूमयोनि
२६
पर पङ्कज पञ्चशास्त्र पन्चानन
Prem
धूमल