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________________ . . आज, अवलोकन हुआ अवा का सरसरी दृष्टि से, अब। अविलम्ब अवधारित अवधि में। अवा के अन्दर कुम्भ को पहुँचाना है, और अवा को साफ-सुथरा बनाया जा रहा है। अवा के निचले भाग में बड़ी-बड़ी टेढ़ी-मेढ़ी गाँठ वाली काली-काली छाल वाली बबूल की लकड़ियाँ एक के ऊपर एक सजाई मासी हैं, और उन्हें सहारा दिया जा रहा है लाल-पीली छाल वाली नीम की लकड़ियों का। शीघ्र आग पकड़ने वाली देवदारु-सी लकड़ियाँ भी बीच-बीच में बिछाई गईं, धीमी-धीमी जलने वाली सचिक्कन इमली की लकड़ियाँ जो अवा के किनारे चारों ओर खड़ी की हैं और अवा के बीचों-बीच कुम्भ-समूह व्यवस्थित है। सब लकड़ियों की ओर से अवरुद्ध-कण्ठा हो बबूल की लकड़ी अपनी अन्तिम अन्तर्वेदना कुम्भकार को दिखाती है, और 22 :: मूक पार्टी
SR No.090285
Book TitleMook Mati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyasagar Acharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size4 MB
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