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________________ विषय इन्द्रिय विजय का उपाय कषायों के विजय का उपाय निद्रा को जीतने का उपाय तपस्या की प्रेरणा 5. सारणावि अधिकार वेदना से पीड़ित क्षपक को निर्यापक आचार्यं दिलाटी हैं, एयविषयक क्षपक के वेदना का यथाशक्य प्रतीकार करते हैं भक्त प्र. के ४० अधिकारों में से ३५वां कवच अधिकार सुकुमार मुनि की कथा सुकौशल मुनि की कथा गजकुमारमुनि की कथा सनत्कुमार मुनि की कथा एरिक पुत्र की कथा धर्मघोष मुनि की कथा श्रीदस मुनि को कथा वृषभसेन मुनि की कथा कातिकेय मुनि को कथा अभयघोष मुनि की कथा विद्युतचर की कथा गुरुदत्त मुनि की कथा चिलात पुत्र मुनि की कथा [ ३२ ] दण्डमुनि को कथा अभिनंदन श्रादि पांचसो मुनियों की कथा बाचायं वृषभसेन की कथा नरकगति के दुःख तिर्यंचगति के दुःख मनुष्यगति के दुःख देवगति के दुःख श्लोक १४८७-१४६४ १४९५ - १५१४ १५१५-१५२६ १५२७- १५५४ १५६८-१७८३ १५७४- १५८७ १५८८-१७६७ १६१८ १६१६ १६२० १६२१ १६२२ १६२४ १६२५ १६२६ १६२७ १६२८ १६२९ १६३० १६३१ १६३२ १६३३ १६३४ १६३९-१६५ε १६६०-१६६७ १६६८-१६७८ १६७ε- १६८२ पृष्ठ ४३०-४३२ ४३२-४३८ ४३६-४४२ ४४२-४४८ ४५२-५१४ ४५३-४५६ ४५६-५०६ ४६२ ४६३ ૬૪ ४६४-४६५ ४६६ ४६६-४६७ ४६७-४६८ ४६८-४६९ ४६६-४७० ४७ १ ४७१-४७२ ४७३-४७४ ४७४-४७५ ४७५-४७६ ४७६-४७७ ४७७-४७८ ४७९-४-२ ४८३-४५४ ४८५-४६७ ४८७-४८८
SR No.090280
Book TitleMarankandika
Original Sutra AuthorAmitgati Acharya
AuthorJinmati Mata
PublisherNandlal Mangilal Jain Nagaland
Publication Year
Total Pages749
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size17 MB
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