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________________ मरणकण्डिका -५४१ बारह भावनाओं का उपसंहार द्वादशापीत्यनुप्रेक्षा, धर्मध्यानावलम्बनम्। नालम्बनं विना चित्तं, स्थिरतां प्रतिपद्यते॥१९६६ ।। अर्थ - ये अनित्याशरण आदि बारह भावनाएँ धर्मध्यान का अवलंबन हैं, क्योंकि आलम्बन के बिना मन स्थिरता को प्राप्त नहीं हो पाता ।।१९६६॥ प्रश्न - यहाँ अवलम्बन किसके लिए और क्यों आवश्यक है ? उत्तर - यहाँ धर्मध्यान का वर्णन चल रहा है। द्वादशानुप्रेक्षाएँ धर्मध्यान का अवलम्बन हैं। ध्यान को ध्येय की आवश्यकता होती है तथा ध्यान की प्रथम अवस्था चिन्तनरूप होती है और चिन्तन अवलम्बन के बिना सम्भव नहीं है अत: ध्यान के इच्छुक मुनिगण इन अनुप्रेक्षाओं के द्वारा चित्त की एकाग्रता का अभ्यास करते हैं। धर्मध्यान के अन्य अवलम्बन आलम्बनै तो लोको, ध्यातु-कामस्य योगिनः। यदेवालोकते सम्यक्, तदेवालम्बनं मतम् ॥१९६७ ॥ अर्थ – ध्यान के इच्छुक मुनिजनों के लिए यह सर्वलोक आलम्बनों से भरा पड़ा है। योगीजन जिस किसी भी पदार्थ को सम्यक्तया अर्थात् निर्विकार भाव से और ममत्वभाव से रहित होकर देखते हैं एवं चिन्तन करते हैं वही पदार्थ उनके ध्यान का अवलम्बन बन जाता है ।।१९६७।। इस प्रकार धर्मध्यान का कथन पूर्ण हुआ । शुक्लध्यान का कथन धर्मध्यानमतिक्रान्तो, यदा भवति शुद्ध-धीः। शुद्ध-लेश्यस्तदा ध्यानं, शुक्लं ध्यायति सिद्धये ।।१९६८ ।। अर्थ - जब शुद्ध बुद्धि वाला योगी धर्मध्यान को पूर्ण कर लेता है तब वह अति विशुद्धलेश्या के साथ शुक्लध्यान को ध्याता है॥१९६८ ।।। गद्य द्वारा शुक्लध्यान के नाम आदि पृथक्त्व-वितर्क-वीचारैकत्व-वितर्कावीचार-सूक्ष्मक्रिया-समुच्छिन्न क्रियाणि त्र्येकयोग-काययोगायोग-ध्येयानि-चत्वारि शुक्लानि यथार्थानि ॥१९६९॥ अर्थ - शुक्लध्यान का प्रथम पाया पृथक्त्व वितर्कवीचार है। यह प्रथम शुक्लध्यान मनोयोगादि तीनों योगों द्वारा ध्याया जाता है। एकत्व अवितर्क वीचार नामक दूसरा शुक्ल ध्यान है, जो तीनों योगों में से किसी भी एक योग द्वारा ध्याया जाता है। इसका तीसरा पाया सूक्ष्मक्रिया प्रतिपाती है जो काययोग द्वारा ध्याया जाता है और चतुर्थ पाया समुच्छिन्न क्रिया है जो अयोगी जिन द्वारा सम्पन्न होता है।
SR No.090279
Book TitleMarankandika
Original Sutra AuthorAmitgati Acharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherShrutoday Trust Udaipur
Publication Year
Total Pages684
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size16 MB
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