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________________ मन्दिर (५८) स्वाध्याय है। कर्त्तापने से आपकी बुद्धि, कर्ता और भोक्तापन से युद्ध ऊपर बढ़ गयो । केवल वहाँ पर चारित्र का जो फल है, चारित्र का जो रस है, उनका जो अनुपान कर रहा है, वह है द्रव्यानुयोग । ये चारों अनुयोग हमारे जीवन में जब तक अवतरित नहीं होंगे, तब तक मोक्ष मार्ग बन नहीं सकता है। क्योंकि सम्यक् ज्ञान चारों अनुयोगों का आधार लेकर चलता है। बहुत से लोग यह कह देते हैं कि प्रथमानुयोग में तो राजा रानी की कहानी है इसके पढ़ने से हमारा उद्धार नहीं हो पार्यगा। लेकिन उस राजा रानी की कहानी में भी कहानी छिपी है।। एक बार घटना घटी | एक माँ अपने दो बच्चों के साथ बाजार जा रही थी | गुड़िया छोटी थी इसलिये उंगुली पकड़कर चल रही थी और उसका लड़का थोड़ा बड़ा था । वह तो आगे. आगे चल रहा था उछलता-कृढता | थोड़ी दूर आगे जाकर वह बच्चा किसी कारण से गिर गया और जब बच्चे गिर जाते हैं तो सभी जानते हैं कि वह क्या करते हैं? रोते हैं, और उनके पास काम ही क्या है ? और कब रोते हैं? जब उन्हें कोई सम्भालने वाला, देखने वाला हो तब ज्यादा रोते हैं। वैसे खेलते में गिर जायें तो नहीं रोयेंगे, क्योंकि उन्हें वहाँ पुचकारने वाला कोई नहीं होता है। लेकिन उसको मालूम है कि मम्मी पीछे आ रही है, अगर गिर गया तो रोयेगा । तो फिर कुछ मिलेगा खाने-पीने को | अगर बाजार में बच्चे रोये तो मम्मी की हालत देखो । जब वह लड़का गिर गया, तब मम्मी उसके पास पहुंची तो वह रो रहा था। बेटा, कहाँ लगी है, तु क्यों रो रहा है? तुझे कहीं लगी तो नहीं? रो रहा है, चुप हो जा। वह क्यों चुप होने का? माँ क्या करती है ? देखो, अभी दो-चार दिन पहले गुड़िया गिर गयी थी, उसके चोट लग गयी थी, पर वह इतनी नहीं रोयी, जितने तुम रो रहे हो । चुप हो जाओ। तुम्हें तो लगी नहीं और तुम इतने रो रहे हो। लेकिन वह कहाँ मानने वाला, माँ को झुंझलाहट आती है और वह कहती है- ठीक लगी, तुम बहुत परेशान करते हो गुड़िया को, अब और करोगे गुड़िया को परेशान! बच्चा क्यों चुप होने का! फिर माँ दूसरा फार्मूला अपनाती है देखभाल कर चलता नहीं है, गिर पड़ा है तो रोता है । देखभाल कर चलता तो क्यों गिरता? अब किसके लिये रो रहा है? अब वह फिर रो रहा अब माँ क्या करती है? उसे गोदी में लेती है और कहती है कि मेरा बेटा तो राजा बेटा है। राजा बेटा होकर रोता है। अब वह क्या गधा बेटा बनना चाहेगा सड़क के ऊपर? वह नहीं बनना चाहता गधा बेटा । बच्चा घुप हो जाता है। प्रथमानुयोग क्या है? कल गुड़िया गिर गयी थी, उसे खून निकल आया था, उसके चोट
SR No.090278
Book TitleMandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmitsagar
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages78
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, & Ritual
File Size2 MB
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