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महाकइपुप्फयंतविरयन महापुराणु
[ 351 सुपसाहिउ सोहिउ ताइ केम गयणयलु चंदरेहाइ जेम। अण्णहिं दिणि पच्चूसागएण विष्येण रुद्ददत्तेण तेण।
15 णिरलंकारी कयसुहविरोह महएवि णिरिक्खिवि विगयसोह। णावइ बिहवत्तणु पत्त देवि जाणियउ दइउ गाणेण भावि। कहिं पुहइणाहु सहस ति वुत्तु देवीइ पबोल्लिउं राउ सुत्त। घत्ता अइपसरियगत्तउ मउलियणेत्तर हियवइ असुह वियक्किउं । महुं पाणहं वल्लहु परवहुदुल्लहु पहु जोयहुं जि ण सक्किउ ॥2॥ 20
(3) तं जाणिवि दुठ्ठ अरिठ्ठ विप्पु गउ मंतिपिहेलणु दुब्बियप्पु। अक्खिउ मंतिहिं लइ' तुहुं जि रज्जु पहु होसइ कालकयंतभोज्जु । पहुदोहउ जाणियि दीहदोसि तह पुत्ते तुहं मारेव्वओ सि। इय भासिवि मरबहु सुचितु ति यदि पुर पवन। मंतिं मेलाविवि भडणिहाउ उप्परि जाइवि रणि बहिउ राउ। संणिहियगरुजतंतरंगि
जक्खिइ रक्खिय तहिं विहुरसंगि तं वइणतेयरूवंकु ठाणु
गरुहार देवि पुणु णिय मसाणु। तहिं पुत्तु पसूई सुद्धसील उरयलु हणंति परिमुक्कलील।
एक गरुड़ यन्त्र के रूप में सजधज कर स्थित हो गयी। सुप्रसाधित वह ऐसी शोभित है, मानो आकाशतल में चन्द्रमा शोभित हो। एक दिन सवेरे आए हुए उस रुद्रदत्त ब्राह्मण ने रानी को अलंकरणों से रहित, शोभाहीन
और सुख का विरोध करनेवाली देखकर, जैसे कि वह वैधव्य को प्राप्त हो गयी हो, ज्ञान से होनहार को जानकर सहसा पूछा कि पृथ्वीनाथ कहाँ है ? देवी ने कहा कि वह सोए हुए हैं। ___घत्ता--जिन का शरीर अत्यन्त फैला हुआ है, नेत्र बन्द हैं, हृदय में अशुभ सोच रहे हैं, ऐसे परस्त्रियों के लिए दुर्लभ, मेरे प्राणों के प्रिय राजा को तुम देख नहीं सकते।
(2) समय का ज्ञान कर, वह पुष्ट खोट विकल्पवाला विप्र मन्त्री के घर गया और उससे बोला कि तुम राज्य ले लो। अब तो राजा कालरूपी यम का भोज्य हो जाएगा। प्रभुद्रोह को बड़ा दोष जानते हुए तुम उसके पुत्र के द्वारा मार दिये जाओगे। यह कहकर, कठोरचित्त रुद्रदत्त तीसरे दिन मरकर नरक चला गया। मन्त्री ने योद्धा समूह को इकट्ठा कर और राजा पर आक्रमण कर उसे मार डाला। उस संकट के समय, यक्षिणी ने उसे गरुड़ यन्त्र के भीतर रखा और वहाँ उसकी रक्षा की। फिर उस वैनतेय रूप नामक स्थानवाले मरघट में गर्भवती रानी को ले गयी। वहाँ उसने पुत्र को जन्म दिया। छोड़ दी है लीला जिसने, ऐसी बह शुद्ध आचरणवाली देवी अपना उरतल पीटती है। प्रिय के शोक में अपने जीवन का त्याग करती और रोती हुई
. AP अनुहुँ।
(3) 1. AP तुहं लइ जे रज्जु । 2. AP पददीहउ । 5. AP
यत्तु। 4. A जाएप्पिणु बहिउ। 5. AP वहिउ 1 6. A तेयरू कुटाणु।