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________________ [68.43 महाकवि पुष्पदन्त विरचित महापुराण फुल्लदामयं दिट्टिकामयं । चंदबिबर्ग उययतंबयं । चंडकिरणयं मीणमिहुणयं । कुंभजुयलयं दलियकमलय। कमलवासयं सुरहिवासयं। अमयमाणिहि अमरवारिहि। सोहनूस दिव्वमासणं। सिहरसुंदर इंदमंदिरं। धुयधयालयं विसहरालयं । णिहियतिमिरय रयणणियरयं । कदिलचलसिहं जलियहुयवहं । पत्ता-इय जोइवि सिविणय सइइ सुत्तविबुद्ध भासिङ दइयहु ॥ सेण वितं तहि अविलय जे फलु होसइ पुज्वविरइयहु ॥4॥ 10 15 *5 तुह कुच्छिहि इच्छियगुणमहंति होसइ सुउ' तिहुवणणाहु कंति। सुरधणधारंचिइ रायगेहि अच्छरहिं पसाहिइ देविदेहि । सावणतमबीयहि सवणरिक्खि पंडुरु करि आयउ अंतरिक्खि । देबिइ दिठ्ठउ समुहारविदि पइसंतु सेतु रयणिहि अणिदि। हरिवामुराउ जो प्राणईदुः सइगन्भवासि थिउ सो जिणिदु। आयउ वंदइ सयमेव इंदु किर कवणु गहणु तहिं सूरचंदु । उदयकाल में आरक्त सूर्य, मीनयुगल, घटयुगल, जिसमें कमल विकसित हैं और जो सुरभि से वासित है ऐसा सरोवर, अमरों के द्वारा मान्य क्षीर समुद्र, सिंहों से भूषित दिव्य आसन, शिखरों से सुन्दर इन्द्रभवन, जिसमें ध्वज प्रकम्पित हैं ऐसा नागपर, अंधकार को नष्ट करने वाला रत्नों का समह, कपिल (भूरे या बदामी) रंग की चंचल ज्वालाओं वाली प्रज्वलित आग । पत्ता-इन स्वप्नों को देखकर, सोते से जागकर सती ने अपने पति से कहा। उसने भी, पूर्वोपार्जित पुण्य का जो फल होगा, वह उसे बताया।4।। __ "इच्छित गुणों से महान् हे कान्ते, तुम्हारी कोख से त्रिभुवनस्वामी पुत्र होगा। राजगृह मगर के 'देवधन से अंचित, तथा अप्सराओं के द्वारा देवी की देह शुद्ध होने पर श्रावण कृष्णा द्वितीया के दिन श्रावण नक्षत्र में अंतरिक्ष से सफेद' गज आया, देवी ने उसे अपने अनिंद्य मुखकमल में रात में प्रवेश करते हुए देखा । हरिवर्मा राजा जो प्राणत स्वर्ग का इन्द्र था, वह जिनेन्द्र के रूप में सती के गर्भवास में आकर स्थित हो गया। आया हुआ इन्द्र स्वयं वन्दना करता है, फिर वहाँ सूर्यचन्द्र के बारे में क्या कहना ? नष्ट कर दिया है मोहजालजिन्होंनेऐसे मल्लिनाथ तीर्थंकर 2. A धरिकमलयं । 3. A सीहभूसिमं । 4. A विहिय'; P विहय । 5. A तहु । (5) 1.A जिणु। 2.AP पाणइंदु । 3. P सो थि।
SR No.090276
Book TitleMahapurana Part 4
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2001
Total Pages288
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size7 MB
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