SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 359
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३४२ ३० १० १५ महापुराण गड सक्कु सुहम्मद्द पणविवि धम्महू पाइसिरु बड्ढइ परमेसर रूवें जियसरु महुरगिरु । धत्ता -- पणयालाई जुवाई गरु वणु तुंगतें ॥ लोक सारे अरुकुमारें जणु रंजिउ धणु देतें ॥४॥ ताव कुरत्तणे लक्खजुय संजय वच्छेर विसेसह विरइयदिओ पहाणओ वयसमो लक्खई दिमाकतिया अवलोइया सई जि उम्मोहिओ कुसुमहत्या हरिहि अहिसिंचिओ सिहरलिहियंवरं सिविधमारोहि मंदिरा णिग्गओ माहि तेरह मए देवकय कित्तणे | अद्धलक्खं गये । अच्छरसुरेई । जस विविकंदओ | जाओ राणओ । या कसोक्खा | उक्त विडंतिया | विहिणिया | षि संबोओि | दिव्वरिसिसत्थहिं | दिओ अंविओ | णाययतं वरं । षम्म जोहि । मालवणमुवगओ । दियहि सँभियंकर | [ ५९. ३,२७ पर्वतपर अभिषेक किया, और लाकर प्रिय शब्दोंसे सुन्दरी माताको सौंप दिया। प्रणत शिर इन्द्र धर्मनाथको प्रणाम कर सोधर्म स्वर्ग चला गया। अपने रूपसे कामदेवको जीतनेवाले मधुरवाणी परमेश्वर रूपमें बढ़ने लगे । धत्ता--उनका शरीर ऊंचाई और गुरुत्वमें सरल पैंतालीस धनुष था । त्रैलोक्यमें श्रेष्ठ महंत कुमारने धन देकर लोगोंका रंजन किया ||४| ५ जिसका देवोंने कीर्तन किया है ऐसे कौमार्यकालके दो लाख पचास हजार विशेष वर्ष उनके बीत गये । अप्सराओं और इन्द्रोंने जिनके आनन्दको रचना की है, जो यशरूपी वृक्षके अंकुर है, इन्द्रके द्वारा जिनका अभिषेक किया गया है, ऐसे वह राजा हो गये। सुख उत्पन्न करनेवाले उनके पाँच लाख वर्ष बीत गये । उन्होंने चन्द्रमा के समान कान्तिवाली, वैराग्य उत्पन्न करनेवाली एक गिरती हुई उल्का देखी। वह स्वयं ही विरक्त हो गये, फिर भी उन्हें श्रेष्ठ कुसुम जिनके हाथ में हैं, ऐसे दिव्य मुनिसमूहों के द्वारा सम्बोधित किया गया। वह देवेन्द्रोंके द्वारा अभिसिंचित और अचित हुए। अपने शिखरसे आकाशको छूनेवाली श्रेष्ठ नागदत्ता ११. AP पणयसि । १२. A सचावहं । ० ५. १. AP कुमरलने । २. P बिसेसेहि । २. P सुरेसेहि । ४. AP विरयाणंदओ । ५. A वयसमलबाई मधुमखहं । ६. A नवकुसुमं । ७. A समर्थक‍ | P
SR No.090275
Book TitleMahapurana Part 3
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2001
Total Pages522
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy