SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 434
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३७. ४.३] हिन्दी अनुवाद महाकाल राजा हैं । बल बोर वैरोचन दानवेन्द्र कहे जाते हैं। नागराज धरणेन्द्र और फणीन्द्र भी बाकी नहीं बचे । स्वर्णकुमारोंके सुखके कारण उनके राजा वेणुवालि और घेणुदेव है । द्वोपकुमारके दीपांग और दोपचक्षु हैं, समुद्रोंमें अलकान्त और जलप्रम। दिक्कुमारोंके अमितगति और अमितवाहन । विद्युत्कुमारोंके हरि और हरिकान्त । भ्रमरके समान कृष्णशरीर स्तनितोंके देव मेघ और महन्तमेघ । अग्निज्वालाओंके अग्नि और अग्निदेव, पवनोंके स्वामो बेलम्ब और प्रभजन इस प्रकार बोस भवनवासी इन्द्रोंको देखकर उन्होंने धर्मसे अभिनन्दनीय मुनियोंकी वन्दना की। पत्ता-आश्चर्यसे भरे हुए हृदय और हर्षसे खिले हुए जय राजाने जय-जय कहते हुए तथा पारों ओर दृष्टि घुमाते हुए । ३ वह नाभेय ( ऋषभ ) के चरणोंके निकट बैठ गया। फिर उसने प्रमुख गणघर वृषभनाथके दशन किये। फिर दूसरे गणधर यतिवरेन्द्र और महाऋषोन्द्र कुम्भको देखा। फिर धैर्यक समूह शशुदमन गणधर देवशर्मा, श्रमण, पनदेव, धर्मनन्दन, ऋषिनन्दन, यति सोमदत्त, भिक्षु सुरदत्त, ध्यानमें स्थित मुनि वायुशर्मा, देवाग्नि और वरिष्ठ अग्निदेव, मुनि अग्निगुप्त एक और दूसरे गोत्रके तेज अंशवाले अग्निगुप्त । हलधर, महीधर, धीर माहेन्द्र, वसुदेव, वसुन्धर, अचल मेरु, विज्ञानवान, विज्ञाननेय, कामदेवको नष्ट करनेवाले मुनि मकरकेतु, स्पिर चित्त, पवित्र, धरित्रीगुप्त, सकल औषधिगुप्त और विजयगुप्त भी, फिर यशगुप्त और फिर सर्वगुप्त, फिर सर्वार्थगुप्त जेसा कि आगममें कहा गया है। फिर मट्टारक विजय, विजयभित्र, विजइल (विजयदत्त ) और श्री अपराजित और भी परमेश्वर परमज्योति इत्यादि चौरासी गणधर थे। पत्ता-विधाताके द्वारा भित्तितलपर लिखे हुएके समान, ध्यानमें लीन और मनसे धीर, सभी यमको बीतनेवाले आदरणीय गणषरोंको जमने देखा ।।२।। उप तप और महातप तपनेवाले, दोस तप तपनेवाले, घोर तपवाले, तपसे सिद्ध पूज्य विद्याओंको धारण करनेवाले, अणिमादि गुणोंसे सम्पन्न गणपरों, आहारक शरीरको धारण
SR No.090274
Book TitleMahapurana Part 2
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2001
Total Pages463
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy