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हिन्दी अनुवाद
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जन तुम निद्रा में थे और जब कुवादियों द्वारा गतंमें फेंक दिये गये थे, तब स्वप्नान्तरमें भी दुर्गाय है सुभट, मैंने तुम्हें संसारका हरण करनेवाले जिनवरके उन वचनोंका सार तुम्हें दिया पा कि जिससे बड़े-बड़े ऋषिमुनि सिद्ध हुए हैं। फिर तुम ललितांग देव होकर, दिव्य शरीर छोड़कर, भयंकर शत्रुओंका नाश करनेवाली भूमिमें उत्पन्न हुए। लेकिन मुनिको दानको बुद्धि और अनेक पुण्यों की सिद्धिसे तुम यहां उत्पन्न हुए हो, जानके द्वारा तुम मेरे द्वारा जान लिये गये हो ? सम्बन्धित हो, क्या तुम नहीं जानते ? विद्याधर राज विधोया भोवते. मोड़कर मैंने इन्द्रियोंकी भूखको नष्ट करनेवाला भयंकर तप किया और सौषम स्वर्ग सौभाग्यशाली मणिचूल देव उत्पन्न हुआ, दुःखको नाश करनेवाले स्वयंप्रभ बिमानमें । इस जम्बूद्वोके पूर्व विदेहको पुष्कलावती भूमिमें पुण्डरीकिणी नगरी है। उसमें अपने राज्यको प्रसारित करनेवाले राजा प्रिपसेनको सुन्दरी पत्नी है। अपने पतिसे म्नेह करनेवाली उससे, वीणाके समान शब्दवाला में प्रीतिकर नामसे उत्पन्न हुआ। स्त्रियोंके द्वारा इच्छित, हे भद्र, तुम सुनो, भ्रमर समूहके समान केशराशिवाला, प्रेमका सरोवर, दिव्य महाज्योति यह मेरा छोटा भाई है।
पत्ता-स्नेहसे नित्य भरपूर अपने गहवाससे हम दोनों निकल पड़े तथा विद्यमान शत्रुओं का नाश करनेवाले स्वयंप्रभ अरहन्तके शिष्य हो गये ||६||
हम लोग अवधिज्ञानी चारण हो गये हैं और तुम्हें सम्बोधित करने आये हैं। तुम सम्यक्त्व ग्रहण करो, व्यर्थ बकवाद मत करो, सद्भावसे जिनदर्शनका विचार करो। 'है' या नहीं है, इसकी बिलकुल शंका नहीं करनी चाहिए, इहलोक और परलोकको भो आकांक्षा छोड़ देनी चाहिए। गुणवान व्यक्ति के दोषोंको ढकना चाहिए, जो मार्गभ्रष्ट हैं, उन्हें मार्गमें स्थापित करना चाहिए।