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17. रामकली
18. विहाग
( विहागरा)
19. श्री गौरी
20. सारंग
21. सोरठ
प्रकीर्ण पदों में
भूधरविलास 3 प्रकीर्ण 2
प्रकीर्ण पदों में
1
2
भूधरविलास 2
भूधरविलास में 14 प्रकीर्ण में 4
1
2
2
18
5
महाकवि भूषरदास
कोमल रेध वाला राग
प्रात: 4 से 7 बजे
शुद्ध र ध वाला राग समय 7 से
11 बजे रात
कोमल रे ध वाला राग
समय सायं 4 से 7 बजे
कोमल ग नि वाला राग
समय 11 से 4 सायं तक
• कोमल गनि वाला राग
समय रात्रि 11 बजे से
प्रात: 4 बजे तक
इसके अतिरिक्त भूधरदास के पदों में प्रयुक्त अन्य राग ख्याल, गजल, रायसा, धमाल आदि के विश्लेषण से ये स्पष्ट होता हैं कि वस्तुतः ख्याल गायक की शैली विशेष है, राग नहीं है। इसीप्रकार गजल भी शैली विशेष हैं, जिसमें उर्दू भाषा की प्रेम सम्बन्धी कविता को गाया जाता है। रायसा लोक ध्वनि है, जो राजस्थान में गायी जाती है तथा धमाल धमार का बिगड़ा रूप है। धमार संगीत में एक ताल विशेष होती है। इस ताल विशेष के गीतों में राधा कृष्ण के होरी खेलने विषयक गीत रहते हैं, किन्तु भूधरदास के धमाल में इसप्रकार का कोई विवेचन उपलब्ध नहीं हुआ है। इसमें तो कवि ने अपने आराध्य की अन्य से महत्ता प्रदर्शित की है। भूधरदास के पदों के सम्पादक महोदय को संगीत के प्रति विशेष मोह रहा है। इसलिए उन्होंने ख्याल, गजल, रायसा, धमाल आदि के साथ भी राग शब्द का प्रयोग किया है जो वास्तव में उचित नहीं है ।