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प्रस्तावना काम के इन कथानकों में पुराण-साहित्य को छोड़कर रति का उल्लेख किसी भी रूप में नहीं हुआ।
महाकवि अश्वघोष ने अपने "बुद्धचरित" में मार का वर्णन उसकी सभी विशेषताओं के साथ अन्यन्त सुन्दर ढंग से किया है । उन्होंने रनि, प्रीति एवं तृषा को पुत्री तथा विभ्रम, हर्ष और दर्प को पुत्र रूप में चित्रित किया है । मार ने अपने सास्न साधनों एवं पुष्य धनुष द्वारा बुद्ध पर आक्रमण किया लेकिन बुद्ध के त्याग, तपस्या, इन्द्रियनिग्रह और आत्मदृढ़ता के समक्ष उसे परास्त होना पड़ा।
"ललित-विस्तरा'' नामक ग्रंथ में भी काम सम्बन्धी उपर्युक्त कथानक ही उपलब्ध होता है।
कालिदास के कमारसम्भव में “काम' की कथा पूर्ण विस्तार के साथ वर्णित हुई है। कालिदास ने "रति" को "काम" की प्रेयसो के रूप में दर्शाया है । शिव की तपस्या भंग करने के कारण कुपित होकर शिव ने काम को भस्म कर दिया । रति के अत्यधिक विलाप करने पर भविष्यवाणी हुई कि शिव के पार्वती से विवाह कर लेने के पश्चात् 'काम' पुनः जीवित हो उठेगा, लेकिन वह सशरीरी नहीं हो सकेगा।
वैदिक और बौद्ध साहित्य के अतिरिक्त जैन-साहित्य में भी 'काम'' का वर्णन उपलब्ध होता है । शुभचन्द्र कृत ज्ञानार्णव के ग्यारहवें प्रकरण के श्लोक सं 11 से 48 तक एवं इक्कीसवें प्रकरण में ब्रह्मचर्य और आत्मा के प्रसंग में उसका विस्तृत वर्णन हुआ है। पयणजुद्ध काव्य की कथावस्तु
प्रस्तुत ग्रन्थ की कथावस्तु का प्रारम्भ कवि ने मंगलाचरण से किया है । उसने 159 पद्यों में उक्त कथा को विस्तार दिया है । सम्पूर्ण कृति प्रतीकात्मक शैली में वर्णित है । तदनुसार शरीररूपी गढ़ में चेतन नामका राजा निवास करता है । उसकी प्रवृत्ति और निवृत्ति नामकी दो पत्नियाँ हैं 1 मन उसका मंत्री हैं । दोनों पत्नियों का एक-एक पुत्र है, जिसका नाम मोह और विवेक है । राजा दोनों को समान स्नेह करता है । मोह की माया नामकी पत्नी सारे संसार को अपने प्रपंच-जाल में फुसलाकर रखती है और माया के आचरण को देखकर निवृत्ति सनी अपने पुत्र विवेक के साथ पुण्यपुरी चली जाती है।
उस पुण्यपुरी के सत्यनामक राजा ने अपनी पुत्री सुमति का विवाह विवेक के साथ कर दिया और उसे पुण्यपुरी का राजा बना दिया। उससे मोह को अत्यधिक निराशा हुई। मोह ने अपने चार दूतों को विवेक का रहस्य जानने के लिए भेजा । उनमें से तीन को उस नगरी में प्रवेश नहीं मिल सका और वे वापिस लौट गए। चौथा कपट नामका दूत साधु का वेष धारण कर नगर में घुस गया ।