________________
लघुविद्यानुवाद
३६
ल-कामवीज,
ह-ज्ञानवीज, झी- शक्तिबीज,
य-विसर्जनवीज उच्चारण, ह स. -विपापहारबोज,
प-वायुवीज, क्षी-पृथ्वीबीज,
जु-विद्वेषणवीज, स्वा - वायुवीज,
झ्वी-अमृतबीज, हा-आकाशबीज,
क्ष्वी-भोगबीज, ह्रॉ-मायाबीज,
ह्रौ-ऋद्धि सिद्धिवीज, झो अकुशबीज,
ह्रॉ-सर्व शान्तिवीजम्, ज-पाशबीज,
ह्रीं-सर्व शान्तिबीजम्, फट-विसर्जनबीजम्, चालनबीजम्, ह - सर्व शान्तिबीजम्, वौपट पूज-ग्रहण-आकर्षणबीजम् ह्रौ - सर्व, शान्तिवीजम् सवौषट् -आमन्त्रणबोजम्
ह्र - सर्व शान्तिबीजम्, ब्ल-द्रावरण,
हे दण्ड बीजम्. क्लू ब्लू-आकर्षण,
ख-स्वादनवीजम् ग्लो-स्तभन,
झो महाशक्तिबीजम्, ह्री-महाशक्ति,
ह्रव्यू- पिंडवीजम्, वपट-आह्वाननम्,
है-मगल सुखवीजम्, र-जलनम्
श्री-कीर्तिबीजम्, वा कल्याणबीजम्, श्वी -विषापहाग्बीजम्,
क्ली-धनबीजम्, कुवेरवीजम्, उ-चन्द्रबीजम्,
तीर्थङ्कर नामाक्षर-शाति, मागल्य कल्याण व घे घे-ग्रहणवाजम्
विघ्नविनाशकवोजम वै विद्यौ-विद्वेषणबीजम्,
अ-ग्राकाश या चान्यवाजम, ट्रा ट्री क्ली ब्लू स-रोषवीजम्
आ-सुखवीजम्, तेजोबीजम्, वा पच वर्ण बीजम्, स्वाहा-शातिक मोहक वा स्वधा-पौष्टिक मोहक वा
ई-गुणबीजम्, तेजोवीजम् नम-शाधनबीजम
वा उ-वायवीजम क्षा क्षी क्षे भै क्षो क्षौ क्ष क्ष.-रक्षा. सर्व कत्याग, अथवा मर्व गुद्धि वीज है।